28 अप्रैल। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी की गिरफ्तारी के संबंध में गुजरात और असम के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी किया है।
मेवाणी को असम पुलिस ने गुजरात के बनासकांठा जिले के सर्किट हाउस से 20 अप्रैल, 2022 को रात 11:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक ट्वीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। फिर उन्हें अहमदाबाद ले जाया गया जहाँ उन्हें रात भर रखा गया और अगले दिन असम के लिए रवाना कर दिया गया। आरोप है, कि यह गिरफ्तारी एक मौजूदा विधायक की गिरफ्तारी के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पूरी तरह उल्लंघन करते हुए की गयी।
25 अप्रैल को राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच और जय भीम युवा समूह ने मामलातदार के कार्यालय में मेवाणी की गिरफ्तारी में विसंगतियों को उजागर करते हुए एक शिकायत दर्ज कराई। मामलातदार प्रांत (जिला) कार्यालय के एक अधिकारी का एक स्थानीय पदनाम है, और राजस्व प्रशासन का प्रमुख है जिसमें गाँवों के 50 समूह शामिल हैं।
मेवाणी की गिरफ्तारी के बाद से ही तमाम दलित समूह राज्य भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि मेवाणी को कोकराझार की अदालत ने 25 अप्रैल को ट्वीट मामले में जमानत दे दी थी, उसके तुरंत बाद बारपेटा पुलिस ने एक महिला पुलिस अधिकारी पर हमला करने के मामले में उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया था। बारपेटा की एक निचली अदालत ने 26 अप्रैल को इस मामले में मेवाणी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, और उन्हें पाँच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
(Sabrang India से साभार)
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