2 मई। अंबिकापुर अनूपपुर रेलखंड में यात्री गाड़ियों को अचानक बंद कर दिए जाने का खमियाजा सरगुजा संभाग के अलावा मध्य प्रदेश के बिजुरी और कोतमा क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। अंबिकापुर-जबलपुर, जबलपुर-अंबिकापुर के अलावा अंबिकापुर-मनेंद्रगढ़-अनूपपुर पैसेंजर, चिरमिरी चंदिया पैसेंजर और चिरमिरी रीवा ट्रेन को अचानक बंद कर देने से दो राज्यों के लोग मुसीबत में हैं।
इसके विरोध में शनिवार को सरगुजा संभाग से लगे मध्य प्रदेश के बिजुरी स्टेशन पर आंदोलन हुआ, बिजुरी रेल संघर्ष समिति के आंदोलन को नगरवासियों का जबरदस्त समर्थन मिला। आंदोलन के दौरान बिजुरी का पूरा बाजार बंद रहा। किशोर, युवा, बुजुर्ग, महिलाएँ, सभी इस आंदोलन में शामिल हुए। आंदोलनकारियों ने इस दौरान दो मालगाड़ियों को आधे घंटे तक रोक कर अपना विरोध जताया। संघर्ष समिति की ओर से रेलवे प्रबंधन को सौंपे गए ज्ञापन में 15 दिनों के भीतर सरगुजा संभाग की ओर से चलनेवाली सभी यात्री गाड़ियों को दोबारा शुरू करने की माँग की गयी है। प्रबंधन की ओर से मिले आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त हुआ।
संघर्ष समिति ने कहा है कि 15 दिनों के भीतर यदि उनकी माँगें पूरी नहीं होती हैं, तो 24 घंटे का बृहद आंदोलन बिजुरी स्टेशन पर किया जाएगा। बता दें कि सरगुजा से चलनेवाली यात्री ट्रेन मध्य प्रदेश के बिजुरी और कोतमा होते हुए अनूपपुर पहुँचती हैं। इसके बाद ही आगे के सफर के लिए लोग दूसरी कनेक्टिंग ट्रेन पकड़ते हैं। इस बीच चिरमिरी से चलनेवाली ट्रेनों के बंद करने के साथ अंबिकापुर से जबलपुर एक्सप्रेस को चार मई तक बंद कर दिया गया। एकसाथ इन ट्रेनों की आवाजाही बंद होने से छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के यात्री परेशान हैं। गर्मी का अवकाश शुरू होने के साथ लोगों को विवाह समारोह में शामिल होने मध्य प्रदेश की ओर जाने कोई सीधी ट्रेन सेवा नहीं है। शाम को अंबिकापुर से अनूपपुर जाने वाली मेमू ट्रेन को छोड़ इस रेलखंड में दूसरी ट्रेन नहीं है। इस समस्या को लेकर सरगुजा संभाग के जनप्रतिनिधि भी ज्यादा कुछ प्रयास नहीं कर रहे हैं।
बहरहाल, मध्य प्रदेश के बिजुरीवासियों ने इस समस्या को दूर करने के लिए रेलवे प्रबंधन पर दबाव बनाने की खातिर आंदोलन की शुरुआत कर दी है। बिजुरी रेल संघर्ष समिति की ओर से शनिवार को बुलाए गए आंदोलन की व्यापकता से ऐसा लगा कि, इस समस्या से हर कोई चिंतित है और अपना समर्थन देने सामने आ रहा है।
सुबह 10 बजे से बिजुरी स्टेशन में लोगों ने धरना शुरू कर दिया। हालांकि पुलिस और आरपीएफ की जबरदस्त घेराबंदी चारों ओर थी, इसके बावजूद लोग स्टेशन के भीतर घुस आए और रेलवे प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दोपहर करीब एक बजे तक संघर्ष समिति का धरना प्रदर्शन चलता रहा। इसी बीच आंदोलनकारियों ने स्टेशन में पहुँची दो मालगाड़ियों को आधे घंटे तक वहां रोक कर अपना विरोध जताया। रेल प्रबंधन और प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में उन्होंने एक ज्ञापन सौंपा और इसमें 15 दिनों के भीतर सरगुजा संभाग की ओर से चलनेवाली सभी यात्री गाड़ियों को दोबारा शुरू करने की माँग दोहराई है। समिति ने माँगों के पूरा न होने पर वृहद आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
(‘नई दुनिया’ से साभार)