5 मई। बिहार की जेलों में कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसमें भी सबसे खराब स्थिति महिला बंदियों की है। राज्य में महिला कैदियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। प्रदेश की जेलों में क्षमता से 47 फीसदी ज्यादा महिलाएँ बंद हैं। बिहार की 59 जेलों में महिला बंदियों को रखने की क्षमता 2,014 है, लेकिन अभी 2,956 रह रही हैं।
सबसे अधिक महिलाएँ बेउर जेल में हैं। यहाँ 230 महिलाएँ बंद हैं, सबसे कम एक महिला सुपौल के बीरपुर उपकारा में बंद है। सूबे की टॉप-5 जेलों में गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, नवादा और मोतिहारी हैं। गृह विभाग ने मार्च की रिपोर्ट में पाया कि जमुई, बेतिया और लखीसराय में क्षमता से करीब पाँच सौ गुना अधिक महिलाएँ रह रही हैं।
सूबे में भागलपुर और बक्सर सेंट्रल जेल में ही महिलाओं के लिए अतिरिक्त जेल है। शेष जेलों में महिलाओं के लिए अलग वार्ड बनाया गया है। क्षमता से अधिक कैदियों को रखने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी राज्यों को संवैधानिक हनन होने को लेकर आगाह किया है।
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