6 मई। शुक्रवार को को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट अर्चना के नेतृत्व में स्वराज इंडिया यूपी की एक चार सदस्यीय टीम यूपी के चंदौली जिले में सैय्यदराजा थाने के महाराजपुर गाँव पहुँची। सैय्यदराजा पुलिस द्वारा 2 मई को हिस्ट्रीशीटर कन्हैया यादव पर दबिश देने के नाम पर उसके घर पर अकेली पुत्रियों के साथ मारपीट व हिंसा की गयी थी, जिसमें उसकी बड़ी पुत्री निशा यादव की बेरहमी से पिटाई के कारण मौत हो गयी। पुलिस द्वारा इस हत्या को फॉंसी साबित करने के लिए उसे फाँसी पर लटका दिया गया। इस दुख की घड़ी में उनके साथ शामिल होने के लिए स्वराज इंडिया यूपी की तरफ से एडवोकेट अर्चना, पुष्कर पाल, अश्वनी यादव व राजेश गौतम की टीम पहुँची, जो कि तीन घंटे गाँव में रही। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने गाँव के लोगों और पीड़ित परिवार से मुलाकात की।
लोगों से बातचीत में पाया गया कि इस पूरे प्रकरण की सुई अवैध बालू-खनन की प्रतिस्पर्धा और स्थानीय पुलिस और स्थानीय भाजपा विधायक के इर्दगिर्द घूमती है। गाँव वालों ने बताया कि यहां बड़े पैमाने पर अवैध बालू-खनन किया जाता है। सत्ता का समीकरण बदलने के कारण अब नए माफिया पैदा हो गये हैं, जो सत्ता के करीब हैं, वे पुलिस का इस्तेमाल करके दूसरों को दबा रहे हैं। यह पूरी घटना पुलिस के सैय्यदरजा थाने के ठाकुर जाति के सवर्ण एसएचओ और स्थानीय विधायक सतीश सिंह के गठजोड़ का परिणाम है। बिंदुवार रिपोर्ट निम्नवत है –
1. घटना के तीन-चार महीने पहले से मृतका लड़की के पिता कन्हैयालाल जिला बदर चल रहे थे, जिस कारण मृतका का छोटा भाई घर के बगल स्थित बालू की दुकान चला रहा था।
2. घटना के एक दिन पहले मृतका के इसी छोटे भाई को स्थानीय पुलिस बिना कोई कारण बताए थाने उठा ले गयी और रात भर थाने में बैठाए रखा था। दूसरे दिन भी पूरा दिन थाने में बैठाए रखा। बड़ा भाई उसके जमानत के प्रयास के कारण घर में नहीं था। मृतका की मां जिला बदर पिता से मिलने गयी थी, इसलिए वह भी घर में नहीं थी। घर पर सिर्फ दोनों बहनें ही थीं। इस बात की पूरी जानकारी पुलिस को थी, क्योंकि घटना वाले दिन भी उसके घर पुलिस दो-तीन बार आयी थी। (ऐसा गाँव वालों ने बताया)
3. कन्हैयालाल यादव का मकान गाँव से 50 मीटर पहले, गांव से बाहर सड़क किनारे स्थित है। घर के सामने सिर्फ एक मकान है। आसपास कोई अन्य मकान नहीं है, घटना तकरीबन शाम पाँच बजे की है। दो बोलेरो जीप और छह मोटरसाइकिल के साथ सैय्यदराजा थाना के एसएचओ तकरीबन 20-25 पुलिसवालों के साथ आए, जिसमें 2 महिला पुलिस भी थी, और कन्हैयालाल यादव के घर का दरवाजा खुलवाकर अंदर घुस गए। पुलिसवालों को देखकर मृतका ऊपर की ओर बने कमरे की तरफ भागी, जिसके पीछे पीछे एसएचओ सहित कई पुलिस वाले भी ऊपर वाले कमरे में घुस गये और मृतका का साथ बदसलूकी एंव हिंसा की। छोटी लड़की गुंजा नीचे रह गयी। उसके साथ भी पुलिस शवाले मारपीट करने लगे। 2 महिला पुलिस ने छोटी लड़की का हाथ कसकर पकड़ रखा था। ऊपर वाले कमरे में पुलिस बड़ी बहन के साथ मारपीट कर रही थी, क्योंकि ऊपर से जोर जोर से चिल्लाने की आवाज आ रही थी। पुलिसवाले ऊपर के कमरे में आधा घंटे तक मारपीट करते रहे। अचानक मृतका की आवाज आना बंद हो गयी। फिर थोड़ी देर बाद, पुलिसवाले नीचे उतर कर भाग गये। छोटी लड़की ने ऊपर जाकर देखा तो उसकी बड़ी बहन की लाश पंखे से लटक रही थी। तब छोटी लड़की ने बाहर आ चिल्लाकर गाँव वालों को बुलाया। गाँववालों ने घटनास्थल पर पहुंचकर लड़की को पंखे से उतारा।
4. घटना के बाद मृतका के भाई को 151 की धारा में जमानत देकर थाने से छोड़ दिया गया, और उसी की दुकान में काम करनेवाले को विपक्षी पार्टी बना दिया गया जिससे मृतका के भाई का कोई विवाद नहीं हुआ, और उसने बाकायदा इसका खण्डन किया।
5. घटना के बाद से गाँव वालों में दहशत व्याप्त है। बमुश्किल गाँववाले कुछ बोलने को तैयार होते हैं। लोगों का मानना है कि यूपी पुलिस अपराधी बन चुकी है। गांववाले लोगों का यह भी कहना है कि पुलिस को इस बात की पूरी जानकारी थी कि कन्हैयालाल यादव के घर में सिर्फ उसकी दोनों लड़कियां ही हैं। ऐसे में पुलिस का जबरन घर में घुसना आपराधिक नीयत को दर्शाता है।
6. अब तक दोषियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई के नाम पर सिर्फ एसएचओ और कुछ पुलिसकर्मियों का निलंबन ही हुआ है। कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी। पीड़ित परिवार की माँग है कि एसएचओ और दोषी पुलिस शवालों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करके उनकी शीघ्र गिरफ्तारी हो।
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