सरकार ‘अग्निपथ’ पर; आक्रोशित युवा सड़कों पर, विशेषज्ञ भी नाराज

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15 जून। कम अवधि के लिए संविदा नियुक्ति के आधार पर सैन्य बलों में भर्ती की नयी ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ युवा पूरे देश में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा किया। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने तिरंगे के साथ प्रदर्शन कर आक्रोश जताया। बरसों से सैन्य सेवाओं के लिए तैयारी कर रहे युवाओं ने तुरंत इस योजना को वापस करने की माँग की है।

गुरुवार को बिहार के कैमूर, बक्सर, जहानाबाद, नवादा आदि जिलों में इस योजना के खिलाफ युवाओं ने जमकर उग्र प्रदर्शन किया। कैमूर में एक ट्रेन में आग लगा दी गयी। वहीं जहानाबाद और बक्सर में पटरियों पर ट्रेनों की आवाजाही को रोक दिया। सड़कों पर टायर जलाये और वहाँ धरना दिया। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, वे कड़ी मेहनत करने के बाद सेना में भर्ती होते हैं। प्रधानमंत्री निर्णय ले रहे हैं, कि 4 साल की नौकरी होगी। किस हिसाब से 4 साल की नौकरी होगी?, क्योंकि 8 महीने की ट्रेनिंग और 6 महीने की छुट्टी होगी तो लगभग 3 साल में हम देश की क्या रक्षा करेंगे? यह निर्णय वापस लेना होगा।

‘अग्निपथ’ योजना का विरोध झारखंड में भी देखने को मिला। राजधानी रांची के रेलवे ओवरब्रिज के पास सैकड़ों की संख्या में युवा मौजूद थे। युवा आर्मी में नियुक्ति की नयी नियमावली के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर, मेरठ, अलीगढ़, पीलीभीत, गोरखपुर, बरेली आदि जिलों में युवाओं ने प्रदर्शन किया। बुलंदशहर के कोतवाली देहात क्षेत्र में भूड़ चौराहे पर अग्निपथ योजना के खिलाफ सेना भर्ती की तैयारी करनेवाले युवा सड़कों पर उतर आए और जाम लगा दिया, जिसके बाद पुलिस ने जाम लगाने वाले युवाओं को लाठियां भांजकर खदेड़ दिया। युवाओं ने आसपास होटलों में घुसकर अपनी जान बचाई। पुलिस ने आधा दर्जन युवाओं को हिरासत में लिया। अग्निपथ के खिलाफ सड़क पर उतरे सैकड़ों युवा अपने हाथों में तिरंगा लेकर प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने अग्निपथ योजना को युवाओं के करियर से खिलवाड़ बताया। वहीं गोरखपुर के छपरा स्टेशन पर उपद्रव को देखते हुए नई दिल्ली से सहरसा जाने वाली विशाल एक्सप्रेस को रेल प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए कैंट स्टेशन पर ही रोक दिया। ट्रेन सुबह साढ़े 10 बजे से खड़ी है। तपिश भरी गर्मी में यात्री उबल गए हैं। ट्रेन की आवाजाही बहाल नहीं हुई तो कई और ट्रेनें खड़ी की जा सकती हैं।

वहीं दिल्ली में ‘अग्निपथ’ का विरोध करने पर युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम सहित अन्य लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

सरकार सोची-समझी रणनीति के तहत यह कदम उठाया है। ‘अग्निपथ’ योजना को सिर्फ चार साल के लिए लागू किया गया, यदि यह योजना पाँच साल की होती तो हर ‘अग्निवीर’ को ग्रेच्युटी लागू होती, जिससे वह पूर्व सैनिक का दर्जा प्राप्त कर लेता, पूर्व सैनिक को मिलने वाली सुविधाएं, जैसे CSD, चिकित्सा सुविधा और राज्यों की सरकारी सेवा में पूर्व सैनिकों को मिलने वाला आरक्षण (5-10%) अपने आप लागू हो जाता। एक तरह से सेना में संविदा नहीं, मनरेगा लागू की गई है।

विभिन्न राजनैतिक पार्टियों ने भी ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, कि यह योजना देश और देश के युवाओं के भविष्य के लिए घातक साबित होगी। उन्होंने कहा कि, ये अति गंभीर व दीर्घकालिक नीति की अपेक्षा करती है। सैन्य भर्ती को लेकर जो खानापूर्ति करनेवाला लापरवाही भरा रवैया अपनाया जा रहा है, वह देश और देश के युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए घातक साबित होगा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बृहस्पतिवार को ‘अग्निपथ योजना’ का विरोध कर रहे सेना में भर्ती के आकांक्षी युवाओं के समर्थन में सामने आए और केंद्र सरकार से अपील की, कि युवाओं को सिर्फ चार साल नहीं बल्कि जीवन भर देश की सेवा करने का मौका दिया जाए।

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के सहयोगी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की नयी ‘अग्निपथ’ योजना पर पुनर्विचार करने का सुझाव दिया। साथ ही आश्चर्य जताया, कि सरकार को इस तरह के ‘मौलिक’ बदलाव करने की जरूरत क्यों पड़ी? सेना में कप्तान रहे अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘यह लंबे समय से मौजूद रेजीमेंट के विशिष्ट लोकाचार को कमजोर करेगा।

पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ट्वीट किया, और पत्र भी लिखा। उन्होंने कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं। युवाओं को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रख कर अपना पक्ष साफ करे, जिससे देश की युवा ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग सही दिशा में हो सके।

स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने ‘अग्निपथ’ के विरुद्ध देश भर में प्रदर्शन कर रहे युवाओं से अपील की, कि आपका आक्रोश स्वाभाविक है, विरोध आपका लोकतांत्रिक अधिकार है। बस दो अनुरोध है, कि आप देश की धरोहर हैं, अपनी जान को नुकसान न पहुँचाएं। देश आपका है, कोई तोड़-फोड़ या हिंसा न करें।

इतिहासकार प्रो. महेश विक्रम ने टिप्पणी की, वर्तमान सत्ता सामंती युग की ओर हमें लौटाने में लगी है। भाड़े की सेना, भाड़े के अधिकारी, धनाढ्य विशिष्ट वर्ग, मंदिर-मंदिर के नाम पर राजनीति और लूट, जनता खस्ताहाल।

– अंकित कुमार निगम

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