6 अगस्त। विभिन्न राज्यों के अस्पतालों ने आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज बंद कर दिया है, क्योंकि राज्य सरकारों द्वारा राज्य के निजी और सरकारी अस्पतालों को इस योजना के तहत प्रतिपूर्ति करना बंद कर दिया गया है। पंजाब के चंडीगढ़ में पीजीआईएमईआर, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सेक्टर 32, जीएमएसएच -16 शामिल हैं। राज्य सरकार को योजना के तहत इन अस्पतालों को करीब 200 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। वहीं गुरुनानक देव अस्पताल का इस योजना के तहत ढाई करोड़ व सिविल अस्पताल का 50 लाख रुपये बकाया है। यहाँ आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज तो किया जा रहा है, लेकिन दवाएं बाहर से लाने को कहा जा रहा है। सूत्रों ने बताया, कि बकाया छह महीने से लंबित है, क्योंकि बीमा प्रदाताओं में से एक को हटा दिया गया है।
टाइम्स आफ इंडिया के अनुसार, झारखंड के कई अस्पतालों को भुगतान नहीं मिला है। उनमें से एक ने बताया, कि 50 लाख रुपये से अधिक का बकाया है, और यह 10 महीने से अधिक पुराना है। रांची के कथल मोरे इलाके में एक अस्पताल के मालिक ने बताया, कि उन्हें आयुष्मान भारत से एक पैसा नहीं मिला है। वहीं पलामू में अस्पताल के मालिक मनीष तिवारी ने कहा, कि उन्हें भी एक साल से अधिक समय से भुगतान का इंतजार है। रांची के प्रमुख सुपर स्पेशियलिटी और निजी अस्पतालों पर अकेले 50 करोड़ रुपये का बकाया है। इरमा स्थित मेदांता अस्पताल का करीब 4 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि मेडिका और रानी अस्पताल पर 2-2 करोड़ रुपये बकाया है। रांची सदर अस्पताल और रिम्स रांची पर सामूहिक रूप से दो करोड़ रुपये का बकाया है।
झारखंड में निजी अस्पताल संघ के अध्यक्ष योगेश गंभीर ने कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार 15 दिनों के भीतर भुगतान चक्र को बहाल करे। यदि ऐसा नहीं होता है, तो हमारे कई सदस्य-अस्पतालों के पास सेवाएं जारी रखने के लिए संसाधन नहीं होंगे। बकाया राशि का भुगतान न करने के कारण, कई अस्पतालों ने अपने डॉक्टरों और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं किया है। ऐसे में हमें आयुष्मान भारत योजना के तहत आनेवाले मरीजों को लेना बंद करना होगा।”
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