सरकार ने मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी ₹1850 निर्धारित किया था। लेकिन देश के सभी मंडियों में किसान को औसतन ₹1514 ही मिल पाए। यानी कि किसान को प्रति क्विंटल सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम से भी कम बेचने के कारण ₹336 का घाटा सहना पड़ा।
1 मार्च से 31 मार्च के बीच किसान को मक्के को एमएसपी से नीचे बेचने की वजह से 105.58 करोड रुपए का घाटा हुआ।
एमएसपी की तुलना में सबसे कम दाम मिलने के मामले में मध्यप्रदेश के किसानों की स्थिति सबसे बुरी थी क्योंकि उसे औसतन केवल ₹1283 ही मिल पाए यानी मध्यप्रदेश के मक्का उत्पादक किसान को ₹567 प्रति क्विंटल की लूट सहनी पड़ी। वहीं कुल लूट के मामले में मध्यप्रदेश के किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इन 31 दिनों में मध्यप्रदेश के गेहूँ उत्पादक किसान की कुल ₹45.45 करोड़ की लूट हुई जबकि राजस्थान और महाराष्ट्र के किसान की ₹14.92 करोड़ और ₹10.48 करोड़ की लूट हुई। (पूरी सूचना संलग्न तालिका में है)।
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स्रोत: AGMARKNET