8 अगस्त। मोदी सरकार की हर घर तिरंगा योजना को लेकर जहाँ सोशल मीडिया पर तंज कसे जा रहे हैं, वहीं मजदूर यूनियनों ने जबरदस्ती पैसे काटे जाने पर विरोध जताया है। भारतीय रेलवे ने तिरंगे के लिए हर कर्मचारी की सैलरी से 38 रुपये काटने का ऐलान किया है। रेलवे के इस निर्णय का उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ ने विरोध किया है।
अमर उजाला में आई खबर के मुताबिक, रेलवे बोर्ड के निर्देश पर हर घर तिरंगा योजना के तहत 13 से 15 अगस्त तक प्रत्येक रेल अफसर एवं कर्मचारी को अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराना है। यह पहले ही तय हो चुका है, कि राष्ट्रीय ध्वज रेलकर्मियों को उपलब्ध करवाया जाएगा। इस संबंध में एनसीआर के उप मुख्य कार्मिक अधिकारी एम.के. कुलश्रेष्ठ की ओर से पूर्व में एक पत्र भी जारी किया जा चुका है। फिलहाल झंडा वितरण सोमवार आठ अगस्त से शुरू होगा। इसके लिए रेलवे के आपूर्ति भंडार विभाग द्वारा एक निजी एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। झंडे का दाम 38 रुपये निर्धारित किया गया है।
कर्मचारी संघ के जोनल महामंत्री आर.पी. सिंह का कहना है, कि “जोन ने स्टाफ बेनिफिट फंड (कर्मचारी लाभ कोष) से तिरंगा खरीदने का निर्देश जारी किया है। इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन झंडे की एवज में वेतन से कटौती करना सही नहीं है। स्टाफ बेनिफिट फंड का ही उपयोग इसमें किया जाए। वहीं मंडल मंत्री चंदन सिंह ने दोहराया कि रेलकर्मी राष्ट्रीय ध्वज खरीदने में सक्षम हैं। वेतन से कटौती की बजाय रेलकर्मियों को खुद ही तिरंगा खरीदने दिया जाए।”