एफसीआई की बाबत मंत्री को पत्र

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5 अप्रैल। संयुक्त किसानम मोर्चा ने 5 अप्रैल को एफसीआई बचाओ दिवस मनाने की घोषणा की थी। अगर एफसीआई नहीं रहेगी तो सरकारी खरीद कौन करेगा, कौन खरीद का भंडारण करेगा, और पीडीएस का क्या होगा। जबकि सरकार एफसीआई को गले तक कर्ज में डुबा चुकी है। ऐसे में एफसीआई को लेकर किसान संगठन तो चिंतित हैं ही, पीडीएस के लाभार्थियों के लिए भी यह चिंता का विषय है। 5 अप्रैल को एफसीआई की खस्ता हालत की बाबत और एफसीआई को बचाने के लिए किसान संगठनों ने उपभोक्ता मामलों के मंत्री को जो पत्र लिखा है वह इस प्रकार है-

सेवा में

उपभोक्ता मामले मंत्री,
भारत सरकार

मार्फ़त —–

विषय – एफसीआई की कमजोर स्थिति के बारे में और खरीद प्रणाली को मजबूत करने के लिए एफसीआई को मांग पत्र

आदरणीय, …

पिछले साल भारत सरकार द्वारा लाये गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी लिए किसान कई महीनों से लड़ रहे हैं। किसान अपनी फसलों के मूल्य को लेकर चिंतित है। एफसीआई सहित प्रमुख खरीद एजेंसियां ​​खरीद से दूर भाग रही हैं।

हम आज आपके समक्ष एफसीआई कार्यालयों की घेराबंदी के माध्यम से अपनी मांगें रख रहे हैं। अगर ये मांगें तुरंत पूरी नहीं हुईं तो संघर्ष तेज किया जाएगा।

1. गेहूं की खरीद के लिए जमाबन्दी जमा करने के फैसले को वापस लिया जाना चाहिए। फसल का भुगतान काश्तकार को किया जाना चाहिए।

2. सीधे बैंक खाते में भुगतान की व्यवस्था वर्तमान समय में वापस की जानी चाहिए। इसे जल्दबाज़ी में लागू करने से कई जटिल समस्याएं पैदा हो सकती हैं जो किसानों को फसल की कीमत चुकाने में बाधा उत्पन्न करेंगी।

3. निर्धारित एमएसपी पर पर या उससे ऊपर के मूल्य पर ही खरीद की जानी चाहिए और उस कीमत से नीचे के खरीददारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

4. भारत सरकार FCI का लगातार बजट कम कर रही है। साथ ही, एफसीआई के खरीद केंद्रों को कम कर दिया गया है। हम मांग करते हैं कि एफसीआई के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया जाए और इसका पूरा उपयोग किया जाए।

5. लाखों करोड़ो लोगों के लिए भोजन का स्रोत एफसीआई के माध्यम से पीडीएस सेवा है। सरकार द्वारा भंडारण जारी रखा जाना चाहिए और सुचारू रूप से चलना चाहिए ताकि लोगों को भूख से पीड़ित न होना पड़े।

5. किसान की फसल खरीद की प्रक्रिया को न्यूनतम समय मे पूरा किया जाना चाहिए। बारदाना और अन्य सुविधाओं की कमी के कारण किसानों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े।

6. एफसीआई के कच्चे कर्मचारियों से पक्के किये जाए और रिक्त पदों को भरा जाना चाहिए।

धन्यवाद

संयुक्ता किसान मोर्चा और विभिन्न संगठन

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