‘हल्लाबोल यात्रा’ बेतिया मोतिहारी होते हुए सीतामढ़ी पहुंची

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18 अगस्त। देश में भीषण बेरोजगारी और बढ़ती आत्महत्या के खिलाफ युवा नेता अनुपम के नेतृत्व में चम्पारण से शुरू हुई ‘हल्लाबोल यात्रा’ गुरुवार को सीतामढ़ी पहुंची। इस प्रदेशव्यापी यात्रा की शुरुआत 16 अगस्त को भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम से सादगी भरे एक कार्यक्रम से हुई थी। उसके बाद यात्रा नरकटियागंज, बेतिया, कठैया, सुगौली, मोतिहारी में सभा करते हुए आज सीतामढ़ी पहुंची।

सीतामढ़ी के रीगा में किसानों को संबोधित करते हुए ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कहा कि असल लड़ाई देश बेचने और देश बचाने वालों के बीच है। उन्होंने आगे कहा कि प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग बिल्कुल जायज है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य सिर्फ छह फीसदी किसानों को मिलता है जो दुभाग्यपूर्ण है। देश बचाने वाले सभी लोगों को एक दूसरे के साथ खड़े रहना पड़ेगा तभी न्याय मिलना संभव है।

जेपी सेनानी रहे किसान नेता दिनेश कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि से संबंधित उद्योग को बढ़ावा दिए बिना रोजगार का सृजन संभव नहीं है। इसके लिए बिहार की चीनी मिलों, जूट मिलों और पेपर मिलों को पुनर्जीवित करने के लिए हम साझा संघर्ष करेंगे।

रीगा की सभा के बाद ‘हल्लाबोल यात्रा’ सीतामढ़ी के कर्पूरी ठाकुर अत्यंत पिछड़ा वर्ग छात्रावास पहुंची। सभा की अध्यक्षता कर रहे प्रो आनंद किशोर ने कहा कि आज बेरोजगारी के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की जरूरत है और इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा। सभा को युवा किसान नेता आलोक सिंह, प्रमोद कुमार, छात्रावास अधीक्षक बिनोद बिहारी मंडल, रघुवंशी यादव, सूरज कुमार और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी संबोधित किया।

युवाओं से बात करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कहा कि अगले साल भर में हमारा देश स्वतंत्रता के बाद के सबसे बड़े आंदोलन का गवाह बनने जा रहा है। इसके लिए हम जिले स्तर पर युवा नेतृत्व निर्माण का प्रयास कर रहे हैं। युवा नेता हिमांशु तिवारी ने कहा कि बिहार की धरती ने हमेशा क्रांति को जन्म दिया है और एक बार फिर से यहां से ‘आत्महत्या नहीं आंदोलन होगा’ का नारा गूंजेगा। उन्होंने युवाओं से 23 सितंबर को पटना पहुंचने की अपील की। वहीं युवा हल्लाबोल के राष्ट्रीय महासचिव एवं यात्रा प्रभारी प्रशांत कमल ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य बिहार के हर जिले में जनसंवाद करके राष्ट्रव्यापी युवा आंदोलन की जमीन तैयार करना है।

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