6 सितंबर। पिछले वर्षों की भांति इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन 17 सितंबर बेरोजगारी के ज्वलंत मुद्दे को समर्पित होगा। ‘युवा हल्ला बोल’ आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कहा कि इस बार फिर बेरोजगार युवा मोदी के जन्मदिन पर जुमला दिवस मनाएंगे।
अनुपम ने कहा कि बेरोजगारी एक राष्ट्रीय आपदा का रूप ले चुकी है। जीवन मरण का सवाल बन चुकी है। बेरोजगारी के चलते आत्महत्या की खबरें आम होती जा रही हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि ‘भारत रोजगार संहिता’ यानी भरोसा लागू करे। लेकिन दुख की बात है कि प्रधानमंत्री यह मानने को तैयार ही नहीं कि बेरोजगारी कितना गंभीर संकट है।
देश में बेरोजगारी को राष्ट्रीय बहस का हिस्सा बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले ‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक अनुपम का कहना है कि सरकार युवाओं के प्रति संवेदनशील बने। बेरोजगारी को राष्ट्रीय आपदा मानकर समाधान निकाला जाए। बेरोजगार युवाओं को हताशा और अंधकार से निकालकर उम्मीद और समाधान की दिशा में ले जाया जाए।
बेरोजगारी के खिलाफ जुमला दिवस मनाने के पीछे एक बड़ा कारण रोजगार को लेकर मोदी सरकार की विफलता और वादाखिलाफी है। उम्मीद है कि लगातार तीसरे साल 17 सितंबर का दिन बेरोजगारी के ज्वलंत मुद्दे को समर्पित रहेगा।
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