पाँच साल में बने 3.5 लाख फर्जी आधार, आरटीआई से हुआ खुलासा

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18 दिसंबर। देश में साल 2021 तक 128 करोड़ 99 लाख आधार कार्ड बन चुके हैं। वहीं पिछले 5 साल में बने आधार कार्ड में 3,55,884 फर्जी निकले। आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ द्वारा यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) से आरटीआई के तहत माँगी गयी जानकारी में यह खुलासा हुआ।

मल्टीपल और डुप्लीकेट संबंधी माँगी गयी जानकारी में उन्हें बताया गया, कि पिछले पाँच साल में 3,55,884 आधार कार्ड डुप्लीकेट और मल्टीपल मिले। इनमें 10 से 12 हजार आधार कार्ड मध्य प्रदेश के थे। जो रद्द किए गये। हालांकि इस बारे में डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी निकुंज श्रीवास्तव का कहना है, कि आधार का काम यूआईडीएआई देखता है। इसमें राज्य सरकार का सिर्फ टेक्निकल सपोर्ट रहता है। वहीं यूआईडीएआई के भोपाल स्थित ऑफिस से इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। फेक आधार कार्ड में हर एक डिटेल जैसे नाम, घर का पता, जन्मतिथि, वर्चुअली आईडी सही नहीं थी। जब फेक आधार कार्ड का नंबर यूआईडीएआई की साइट से वेरिफाई किया गया, तो यूआईडीएआई के डेटाबेस से मैच नहीं हुआ।

इलेक्ट्रानिक्स एंड आईटी मंत्रालय के अनुसार, 2022 में जुलाई महीने तक देश में 1.47 करोड़ लोगों ने अपना आधार कार्ड अपडेट करवाया है। इसके लिए लोगों ने आधार केंद्रों और ऑनलाइन आधार अपडेट पोर्टल की मदद ली। यानी जुलाई के अंत तक 63.55 करोड़ लोग अपने आधार कार्ड का डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक डिटेल अपडेट करा चुके हैं। एलपीजी, मनरेगा और कई योजनाओं का लाभ लोगों तक डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए पहुँचाने में आधार का अहम रोल है। आधार कार्ड हमारे देश में एक जरूरी डॉक्यूमेंट है। इसे सभी जगह आईडी प्रूफ के रूप में स्वीकार किया जाता है।

कई बार देखा जाता है, कि हम बिना किसी जाँच के किसी भी आधार नंबर को सही मान लेते हैं, लेकिन आधार से जुड़ी सेवाएं देखने वाली अथॉरिटी यूआईडीएआई का कहना है, कि हर 12 डिजिट वाला नंबर आधार नहीं होता है। आधार कार्ड में आपके नाम, पता और फोन नंबर से लेकर फिंगरप्रिंट तक की जानकारियां रहती हैं। अगर आपको ये डर सता रहा, कि कहीं आपके आधार का कोई गलत इस्तेमाल कर रहा है, तो आप खुद घर बैठे यूआईडीएआई की ऑफिशियल साइट पर चेक कर सकते हैं, कि आपके आधार नंबर का कब और कहाँ इस्तेमाल हुआ है?

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