21 दिसंबर। पंजाब के फिरोजपुर जिले के मंसूरवाल कलां गाँव में एक शराब फैक्ट्री के प्रदूषण से पैदा होने वाली भंयकर बीमारियों के चलते छह महीने से आंदोलन चल रहा है। मंगलवार को फैक्ट्री के सामने हजारों की तादाद में इकट्ठा किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज का वीडियो वायरल हो रहा है, और पंजाब में आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की चौतरफा आलोचना हो रही है। तहसील जीरा के लोगों के अलावा कई किसान संगठनों के कार्यकर्ता भी इसका विरोध कर रहे हैं। संगठनों की माँग है, कि शराब फैक्ट्री को तत्काल बंद किया जाना चाहिए। इलाके में शराब की फैक्ट्री होने के कारण गाँव के लोग गन्दा पानी पीने को मजबूर हैं, इससे ग्रामीणों को गंभीर बीमारियां हो रही हैं। पीलिया, कैंसर, लीवर सम्बन्धी रोग की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। इन बीमारियों के कारण कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि शराब की फैक्ट्री लगने से पहले ऐसी किसी भी बीमारी ने गाँव में दस्तक नहीं दिया था।
अमृतसर लोकसभा क्षेत्र से सांसद गुरजीत सिंह औजला का कहना है कि शराब फैक्ट्री हटाने का मामला अब संसद तक पहुँच गया है। सांसद ने मांग की थी कि शराब फैक्ट्री के मामले में संसद में एक कमिटी का गठन किया जाना चाहिए। कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने धरने पर बैठे लोगों को इस बात की जानकारी दी कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पाँच कमेटियां बनाई हैं। इन पाँचों कमेटियों में किसान और 40 गाँवों की पंचायतें अपने प्रतिनिधियों के नाम दे सकती हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस मामले में पंजाब के मुख्य सचिव से भी जवाब माँगा है, और एनजीटी कोर्ट दो महीने के भीतर इस पर सुनवाई करेगा।