4 जनवरी। महाराष्ट्र में बिजली आपूर्ति का ठेका अडानी कंपनी को देने का सरकारी बिजली कंपनियों के कर्मचारियों और अधिकारियों ने विरोध किया है। बिजली विभाग के 31 संगठनों के कर्मचारियों ने बुधवार सुबह से हड़ताल शुरू कर दी। इससे मुंबई उपनगर, ठाणे, नागपुर सहित सात जिलों में बिजली सेवा प्रभावित हुई है। महावितरण कंपनी के संचालक विश्वास पाठक ने मीडिया के हवाले से बताया, कि अचानक बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से सेवा प्रभावित हुई है। हालांकि सरकार की ओर से दावा किया गया है कि हड़ताल से निपटने के लिए उनकी पूरी तैयारी है। सरकार ने चेतावनी दी है कि हड़ताल पर जाने वालों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिजली कर्मचारियों की संघर्ष समिति के प्रधान ऊर्जा सचिव और तीनों कंपनियों के प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर के साथ बीते सोमवार को एक अहम बैठक हुई थी। इस बैठक में कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने की वजह से बिजली उद्योग के कर्मचारी संगठनों की संघर्ष समिति ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया। इस निजीकरण के विरोध में राज्य के 86,000 बिजली कर्मचारियों, इंजीनियरों, अधिकारियों, श्रमिकों और 42 हजार संविदाकर्मियों, सुरक्षा गार्डों ने 72 घंटे की हड़ताल शुरू की है, जिससे राज्य भर में बिजली ग्रिड फेल होने की आशंका है। हड़ताल में 31 संगठनों के कर्मचारियों ने भाग लिया है। हालांकि महावितरण ने हड़ताल की अवधि में राज्य के उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का भी प्रयास किया है। बिजली कर्मचारियों द्वारा शुरू किए गए आंदोलन में उनकी कोई आर्थिक माँग नहीं है। उनका कहना है कि इसे पूंजीपतियों को नहीं बेचा जाना चाहिए।
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