एंबुलेंस का किराया न होने पर माँ के शव को कंधे पर ले जाने को मजबूर हुआ बेटा

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7 जनवरी। स्वास्थ्य सुविधा को लेकर राज्य सरकारें तरह-तरह के दावे करती हैं, लेकिन असलियत यह है कि कभी-कभी मृत व्यक्ति को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं मिल पाती है। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी से इसी तरह एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं। आधुनिक समाज इतना खुदगर्ज हो गया है, कि वह एक गरीब के दर्द को नहीं महसूस कर पा रहा। रुपया, मानवता से कहीं ज्यादा ऊपर उठ गया है। जलपाईगुड़ी जिले में एक व्यक्ति को अपनी माँ के शव को अपने कंधों पर ढोने के लिए मजबूर होना पड़ा। क्योंकि एंबुलेंस ने तयशुदा शुल्क से दोगुना ज्यादा पैसा माँग लिया। शख्स का नाम जय कृष्ण दीवान बताया जा रहा है। अस्पताल में अपनी माँ की मौत के बाद सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के एंबुलेंस में ले जाने के लिए 3 हजार रुपए की माँग की गई। शख्स के पास एंबुलेंस को देने के लिए पैसा नहीं थे, तो उसने माँ की लाश को कंधे पर कपड़े में बांधकर 50 किलोमीटर दूर श्मशान की ओर चलने का फैसला किया।

यह तस्वीर सामने आने के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया। अस्पताल के अधीक्षक कल्याण ख़ान ने इस घटना को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और कहा, “कि अगर हमें पता होता तो हम उनके लिए शववाहन की व्यवस्था जरूर करते। हम हमेशा जरूरत पड़ने पर लोगों को शववाहन मुहैया कराते हैं। शायद पीड़ित परिवार को इसकी जानकारी नहीं थी, इसलिए उन्होंने हमसे इस बारे में कोई संपर्क नहीं किया। हम कोशिश करेंगे, कि सभी लोगों को इस सेवा के बारे में बता सकें।” वहीं जिला एम्बुलेंस संघ ने दावा किया, कि उनके सदस्य ट्रेन और सड़क दुर्घटनाओं के दौरान हुए पीड़ित लोगों को भी मुफ्त सेवा प्रदान करते हैं।

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