10 जनवरी। अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाली भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ देश के 100 से ज्यादा पूर्व नौकरशाहों ने मोर्चा खोल दिया है। इन पूर्व नौकरशाहों ने ‘भड़काऊ भाषण’ देने के लिए बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की है। पूर्व नौकरशाहों ने कर्नाटक में दिए गए ठाकुर के एक भाषण की बाबत कहा है कि यह ‘गैर-हिंदू समुदायों के खिलाफ नफरत फैलाने वाला’ है। एक खुले पत्र में उन्होंने कहा कि ठाकुर ने बार-बार ‘भड़काऊ भाषण देने और नफरत फैलाने’ के चलते संसद सदस्य होने का नैतिक अधिकार खो दिया है।
विदित हो, कि मध्य प्रदेश से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने हिंदू समुदाय से अपनी गरिमा बचाने के लिए ‘अपने चाकुओं की धार तेज रखने’ का आग्रह किया था। भाजपा सांसद ने कहा, कि जो कोई भी “हमारे घर में घुसपैठ करता है” उसे करारा जवाब दिया जाए। कर्नाटक के शिवमोग्गा में सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए, 153बी, 268, 295ए, 298, 504 और 508 के तहत मामला भी दर्ज किया गया था।
‘पंजाब केशरी’ के मुताबिक, पत्र में कहा गया है कि “संसद के सदनों पर एक विशेष जिम्मेदारी होती है, जो देश के लिए कानून बनाते हैं। निश्चित रूप से इसके सदस्यों को संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसलिए हम सभी लोकसभा के माननीय अध्यक्ष से आग्रह करते हैं, कि इस मामले को उचित कार्रवाई के लिए लोकसभा की आचार समिति को तत्काल भेजें। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले 103 लोगों में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन, केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय विभाग में पूर्व सचिव अनीता अग्निहोत्री, राजस्थान के पूर्व मुख्य सचिव सलाहुद्दीन अहमद, एसपी एम्ब्रोस, भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी ए.एस. दुलत, जूलियो रिबेरो और अमिताभ माथुर तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी टी.के.ए. नायर और के. सुजाता राव शामिल हैं।
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