17 जनवरी। आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत मंगलवार को पारसनाथ मारंग बुरु बचाओ यात्रा जमशेदपुर से शुरू की। इसके तहत डीसी आवास के सामने प्रदर्शन किया गया। मौके पर सालखन ने कहा, कि गिरिडीह जिला स्थित पारसनाथ पहाड़ अर्थात “मारंग बुरु” आदिवासियों का ईश्वर स्थल है जिसे जैन धर्मावलंबियों ने हड़प लिया है। झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मारंग बुरु जैनियों को सौंपने का काम किया है। यह आदिवासियों के साथ धोखा है। यह आदिवासियों के लिए अयोध्या के राम मंदिर से कम महत्त्वपूर्ण नहीं है।
मारंग बुरु की रक्षा व अपने तीर्थस्थल को बचाने के लिए यह यात्रा शुरू की गयी है। इसके जरिए देश के विभिन्न राज्यों के आदिवासी बहुल जिलों में जनसभा की जाएगी, और लोगों को जागरूक किया जाएगा। प्रथम चरण में यह यात्रा फरवरी अंत तक चलेगी। मंगलवार को रांची, बुधवार को रामगढ़, 20 को हजारीबाग, 21 को जामताड़ा, 22 को दुमका, 23 जनवरी को गोड्डा जिले की यात्रा की जाएगी। उसके बाद 25 जनवरी को पुरुलिया, 26 को बांकुड़ा और 31 जनवरी को चाईबासा में सभाओं का आयोजन होगा। सालखन मुर्मू ने मीडिया के हवाले से बताया, कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक तिलका मुर्मू की जयंती पर 11 फरवरी को रांची के मोरहाबादी मैदान में मारंग बुरु महाधरना का आयोजन किया जाएगा। डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर 14 अप्रैल को राष्ट्रीय आदिवासी एकता महासभा का आयोजन भी मोरहाबादी मैदान रांची में किया जाएगा।
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