16 फरवरी। ‘असंगठित मजदूर मोर्चा’ के सहयोग से चित्रकूट के बारह बाल एवं बॅंधुआ मजदूरों को राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के बैरन गाँव स्थित विष्णु भट्ठा से मुक्त कराया गया है। मजदूरों के लिए काम करने वाले संगठन ‘असंगठित मजदूर मोर्चा’ को जब यह पता चला कि बैरन गाँव में बारह बाल एवं बंधुआ मजदूर बहुत खराब स्थितियों में काम कर रहे हैं, तो सही जानकारी के लिए ‘एक्शन एड’ के साथ मिलकर मजदूरों के परिवार के माध्यम से मजदूरों से संपर्क किया।
मजदूरों ने बताया कि उन्हें मूलभूत सुविधाओं का लालच देकर यहाँ ले आया गया था, जबकि यहाँ किसी भी तरह की मूलभूत सुविधाएं नहीं थीं। जब हम लोगों ने इसका विरोध किया। तो हमें धमकाया गया, और चेतावनी दी गयी, कि जब तक कोई दूसरा मजदूर नहीं आ जाता, तब तक एक भी मजदूर को नहीं जाना है। मजदूरों ने बताया, कि कार्यस्थल पर बच्चों से भी कार्य कराया जा रहा था। इसके अलावा सभी मजदूरों से जबरन कार्य कराया जाता था। पीड़ित मजदूरों ने आगे बताया, कि आए दिन मालिक और जमादार गाली-गलौज करते हैं, और मारने-पीटने की धमकी देते हैं, जिसके कारण मजदूर बहुत भयभीत एवं डरे हुए थे।
(‘जनज्वार’ से साभार)
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