12 मार्च। छत्तीसगढ़ के अनियमित कर्मचारियों ने 12 मार्च को राजधानी रायपुर में हल्ला बोल दिया। नियमितीकरण को लेकर निराशा हाथ लगने के बाद प्रदेश भर के विभिन्न जिलों के अनियमित कर्मचारी राजधानी में एकत्र हुए। कर्मचारी नेताओं ने मीडिया के हवाले से बताया कि राज्य सरकार के इस अंतिम बजट में प्रदेश के लाखों अनियमित कर्मचारियों, संविदा कर्मियों, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट, मानदेय, अशंकालिक, जाबदर के कर्मचारियों के नियमितीकरण, पृथक कर्मचारियों की बहाली, अंशकालीन कर्मचारियों की पूर्णकालीन करने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
‘अनियमित कर्मचारी महासंघ’ के संरक्षक गोपाल प्रसाद साहू ने ‘नई दुनिया’ न्यूज के हवाले से बताया कि 10 दिन में नियमितीकरण का वादा करने वाली सरकार ने सबसे बड़ी वादाखिलाफी की है। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में अनियमित कर्मचारियों के संबंध में कोई भी घोषणा नहीं कर उनके साथ बहुत बड़ा छल किया है। मुख्यमंत्री का सदन में यह कहना कि 24 विभागों की जानकारी आई है, 28 विभाग की जानकारी नहीं आई है, यह लाखों अनियमित कर्मचारियों के साथ धोखा है।
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