मनरेगा मजदूरों के प्रदर्शन के आगे झुकी सरकार

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20 मार्च। दिल्ली में जंतर-मंतर पर मनरेगा मजदूरों के ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए अनिवार्य आधार-आधारित वेतन भुगतान प्रणाली के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन ने बीच एक राहत देने वाली खबर आई है। केंद्र सरकार ने मनरेगा में बिना आधार आधारित प्रणाली से मजदूरों को मजदूरी का भुगतान करने की योजना बनाई है। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक बीते रविवार को केंद्र सरकार ने मनरेगा मजदूरों की मजदूरी के भुगतान के लिए 31 मार्च तक मिश्रित मॉडल अपनाने का फैसला किया है। इस मॉडल के अनुसार मनरेगा के तहत श्रमिकों को आधार आधारित भुगतान प्रणाली के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह(एनएसीएच) के बीच से भुगतान किया जा सकता है।

विदित हो कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर मनरेगा मजदूरों का 100 दिवसीय धरना जारी है। ‘मनरेगा संघर्ष मोर्चा’ के बैनर तले देश के अलग-अलग राज्यों से आये मजदूरों के धरने का आज 27वां दिन है। दरअसल केंद्र सरकार ने बीते 1 फरवरी से मनरेगा मजदूरी के भुगतान के लिए एबीपीएस के उपयोग को अनिवार्य करने का निर्णय लिया था। मनरेगा संघर्ष मोर्चा का कहना है, मजदूर माँग कर रहे हैं कि एनएमएमएस ऐप को तत्काल हटाया जाए; साथ ही मजदूरी का समय पर भुगतान और एक वर्ष से अधिक समय से लंबित मजदूरी का तत्काल भुगतान किया जाए।

(‘वर्कर्स यूनिटी’ से साभार)

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