21 मार्च। उत्तर भारत के कई जिलों में हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। जिन फसलों से किसानों को बेहद उम्मीदें थीं वो बर्बाद हो गईं, जिसके बाद से किसान निराशा के अंधकार में हैं। कई जिलों में ओले गिरे, इससे खेतों में खड़ी फसल को बहुत नुकसान हुआ। जो फसल कटने को तैयार थी, ओले के कारण दाने टूटकर गिर गए हैं। वहीं जो फसल पक रही थी वह दाने अब खराब हो जाएंगे। एक अनुमान के मुताबिक कई इलाकों में 30 से 50 फीसद तक नुकसान हुआ है। वहीं तेज बारिश और ओलावृष्टि की वजह से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत उत्तर भारत के अन्य राज्यों के किसानों और बागवानों पर दोहरी मार पड़ी है।
उत्तर प्रदेश के चंदौली, मिर्जापुर, वाराणसी, जौनपुर, आंबेडकर नगर, फैजाबाद, सुल्तानपुर, फिरोजाबाद, हाथरस सहित अन्य जिलों में बारिश की वजह से एक तरफ जहाँ खलिहान में रखी हुई सरसों की फसल भीग गई है, और खलिहान में पानी जमा हो गया है तो वहीं दूसरी तरफ गेहूं, चना और मटर की भी फसलों के नुकसान होने का अंदेशा बना हुआ है। मध्यप्रदेश में बीते तीन दिन से हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। राजधानी भोपाल, शिवपुर, भिंड, बड़वानी, खरगोन, नरसिंहपुर, जबलपुर, सागर, मंडला, सतना समेत कई जिलों में ओले गिरे, इससे खेतों में खड़ी फसल को बहुत नुकसान हुआ है।