14 अप्रैल। डीवीसी बोकारो ताप विद्युत केंद्र के मुख्य द्वार के समीप आठ सूत्री माँगों को लेकर विस्थापित एवं स्थानीय संघर्ष समिति के नेतृत्व में विस्थापितों की अनिश्चिकालीन भूख हड़ताल 14 अप्रैल को दूसरे दिन भी जारी रही। इस तपती धूप में भूख हड़ताल पर बैठे मजदूरों की प्रबंधन ने सुध नहीं ली, जिससे आक्रोशित मजदूरों ने घंटों तक डीवीसी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। विस्थापित नेता बालेश्वर यादव ने मीडिया के हवाले से बताया, कि जमीन देकर रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खाना विस्थापितों व रैय्यतों की नियति बन गई है। रोजगार के लिए विस्थापित व रैय्यत भूख हड़ताल पर बैठे हैं, और डीवीसी के किसी भी अधिकारी ने सुध लेना मुनासिब नहीं समझा।
प्रमुख माँगें –
1) प्रबंधन के बीच हुए समझौते को लागू कर विस्थापितों को रोजगार दिया जाए।
2) वर्ष 1950 में पुनर्वासित रैय्यतों को जमीन का मालिकाना हक दिया जाए।
3) विस्थापित गाँवों में पानी-बिजली सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
4) बाहरी मजदूरों को कुशल मजदूर बताकर की जा रही बहाली को बंद किया जाए।
5) झारखंड सरकार द्वारा निर्धारित सर्कुलर को लागू करते हुए 75 प्रतिशत विस्थापितों को रोजगार प्रदान किया जाए।
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