1 मई। जंतर-मंतर पर धरने पर बैठीं महिला पहलवानों के समर्थन में, केंद्र सरकार को जगाने के लिए, कर्णप्रयाग में थाली बजाकर प्रदर्शन किया गया। सभा के पश्चात राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग के जरिये प्रेषित किया गया। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में माँग की गयी कि कॉमनवैल्थ से लेकर ओलंपिक तक देश की झोली पदकों से भरने वाले पहलवान, नयी दिल्ली में जंतर-मंतर पर कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है, कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है, इसलिए उनके विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।
महामहिम, यह बेहद अफसोस की बात है कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली सरकार के राज में देश की महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण के आरोपी के खिलाफ एफआईआर करवाने के लिए भी उच्चतम न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि आरोपी सत्तापक्ष से संबंधित है। इस तरह देखें तो खेल संघों के पदाधिकारियों द्वारा खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न और ऐसा करने के आरोपियों का त्वरित बचाव, दोनों ही आम हैं। यह इसी तरह चलता रहा तो देशभर में खेल में करियर बनाने की इच्छुक युवतियों के लिए घर से बाहर निकलना ही मुश्किल हो जाएगा। यह कैसी विडंबना है, कि खेल संघ यौन कुंठा से भरे लोगों के कब्जे में है।
(‘जनज्वार’ से साभार)