2 मई। राजधानी दिल्ली के तुगलकाबाद किला इलाके में स्लम कॉलोनी को गिरा दिया गया। घरों और दुकानों को ढहा दिया गया। घर तोड़े जाने के बाद कई लोग खुले में अपने घरों के मलबों पर प्लास्टिक और टिन से सिर को ढके बैठे दिखाई दिए। बुलडोजर चलने के बाद यहाँ के लोग बेघर हो गए हैं। बारिश के बीच यहाँ इन लोगों का सामान बिखरा हुआ था। ये लोग अपनी किस्मत पर रोने को मजबूर हैं। भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा अधिसूचित की गई हजारों प्रॉपर्टीज के खिलाफ रविवार से शुरू हुई कार्रवाई सोमवार को भी जारी रही। हाईकोर्ट के निर्देश पर एएसआई, जिला प्रशासन और एमसीडी की संयुक्त कार्रवाई में सभी अवैध निर्माण कोद ढहा दिया गया है। इसके बाद यहाँ रह रहे लोगों का आशियाना पूरी तरह से खंडहर में तबदील हो गया।
उत्तर प्रदेश से दिल्ली आयीं 32 वर्षीय सोनिया ने ‘नवभारत टाइम्स’ के हवाले से बताया, कि मेरा घर खॅंडहर बन गया है। उन्होंने कहा, कि पैसे बचाने और अपनी विधवा मां के लिए घर बनाने के लिए मैंने एक नर्स के रूप में लंबी शिफ्ट में काम किया। सोनिया ने कहा, कि अधिकांश लोगों के आधार और राशन कार्ड पर पता यही है। हमने इस इलाके में मतदान किया है। लेकिन अब वे हमें अतिक्रमणकारी कह रहे हैं। वहीं इस मामले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जमकर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, कि पच्चीसों साल से रह रहे यूपी-बिहार के लोगों के घर, अतिक्रमण के नाम पर उजाड़े गये हैं। इसका कोई मानवीय-पारिवारिक पक्ष है कि नहीं? भाजपा सरकार में अतिक्रमण के नाम पर जमीनें साफ करने का काम वास्तव में भू-माफियाओं को जमीनें देने की साजिश का दूसरा नाम है।