3 मई। हरियाणा के हिसार में एक स्थानीय किसान समूह ने कथित गो-रक्षकों के खिलाफ मामला दायर कर आरोप लगाया है कि गायों को बचाना केवल एक बहाना है। इसके पीछे की वास्तविकता जबरन वसूली है। ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ किसानों ने हिसार सदर पुलिस थाने के सामने धरना दिया, और आरोप लगाया, कि गोरक्षकों ने उन्हें घेर लिया और उनसे पैसे माँगे। किसानों ने माँग की है कि इस गोरक्षा बल को भंग कर दिया जाए, क्योंकि वे केवल गुंडे हैं, जो सिर्फ गौरक्षा का दिखावा करते हैं। अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के प्रदेश महासचिव संदीप सिवाच ने टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से बताया कि मोचीवाला गाँव के किसान अपने बैलों को नागौर ले जा रहे थे, तभी कुछ लोगों ने उनके वाहन को रोक लिया और पैसे की माँग की।
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मार्च में इसी तरह का खुलासा किया गया था, और राजस्थान के जुनैद और नासिर की हत्या की पृष्ठभूमि में इन गो-रक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की गयी थी। विगत फरवरी माह में ‘द ट्रिब्यून’ द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, गो-रक्षकों के नेटवर्क की पड़ताल करने से पता चला है कि मुख्य रूप से तीन संगठनों बजरंग दल, गोपुत्र सेना हरियाणा और गोरक्षा दल से संबद्ध लगभग 20,000 युवाओं का ‘बल’ है, जो इस रूप में सक्रिय हैं। इन गो-रक्षकों में ज्यादातर बेरोजगार युवा हैं। गोपुत्र सेना हरियाणा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सुनील क्रांतिकारी ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को आईडी कार्ड जारी किए हैं, और यह भी स्वीकार किया, कि कभी-कभी ऐसे लोग होते थे, जो बिना टैक्स चुकाए या टोल प्लाजा पार करने के लिए आईडी कार्ड खरीदने के लिए खुद को अधिकृत बताते थे।
(‘सबरंग इंडिया’ से साभार)
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