13 जुलाई। मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय हर रोज अमानवीयता और अपराध का सामना कर रहा है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, आदिवासियों के खिलाफ अपराध में मध्य प्रदेश देश में नंबर वन है। देश में आदिवासियों के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा यानी 2,627 मामले अकेले मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए हैं। वर्ष 2018 से लेकर 2021 तक मध्य प्रदेश आदिवासियों के खिलाफ अपराध में नंबर एक पर रहा है, और हर साल मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2018 में आदिवासियों के खिलाफ अपराध के 1868 मामले, वर्ष 2019 में 1922, वर्ष 2020 में 2401 और वर्ष 2021 में 2627 मामले दर्ज किए गए हैं।
वर्ष 2018 में मध्य प्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ अपराध के कुल 1868 मामले दर्ज किए गए थे, जो वर्ष 2021 में बढ़कर 2627 हो गए। आँकड़ों के मुताबिक, मध्यप्रदेश में भाजपा राज में आदिवासियों के खिलाफ अपराध के मामलों में 40% बढ़ोतरी हुई है। आदिवासियों के खिलाफ अपराध के हर रोज 7 मामले दर्ज हो रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज चौहान जवाबदेही के बजाय एक बेहद अमानवीय अपराध को इवेंट बनाकर आदिवासियों के रक्षक बनने का प्रोपेगैंडा चला रहे हैं।
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