24 अगस्त। बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग को लेकर निकले किसानों के कूच को रोकने के लिए चंडीगढ़ छावनी में तब्दील हो गया है। सीमाएं सील रहीं और 100 से ज्यादा किसान हिरासत में लिये गए। कई किसान नेताओं को घर पर नजरबंद कर दिया गया। खट्टर और मान की पुलिस के एकजुट एक्शन से किसान चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा शुरू नहीं कर पाए। लेकिन अब किसानों ने भगवंत मान के गृह जनपद संगरूर में ही पक्का मोर्चा लगा दिया है। किसानों का कहना है कि भारी बारिश और बाढ़ ने खेतों और गांवों को तबाह कर दिया है जिसकी तुरंत भरपाई की जानी चाहिए। इसीलिए चंडीगढ़ कूच का एलान किया गया था। बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवजे पर आगे की रणनीति के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 2 सितंबर को चंडीगढ़ में बैठक बुलाई है।
पंजाब के किसानों ने अब, दिल्ली सीमा पर लगे लंबे मोर्चे की तर्ज पर, पंजाब सरकार के खिलाफ अनिश्चित काल के लिए ‘पक्का मोर्चा’ लगा दिया है। उधर किसानों की धरपकड़ के लिए तीसरे दिन भी भारी पुलिस फोर्स सक्रिय रही। बाढ़ के मुआवजे और अन्य मांगों के लिए चंडीगढ़ कूच कर रहे किसानों को छह हजार पुलिसकर्मियों तथा अर्धसैनिक बलों के जरिए रोक लिया गया। चंडीगढ़ से लगते पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पूरी तरह से सील कर दिये गये हैं। हर वाहन की गहन तलाशी ली जा रही है। बुधवार की सुबह कुछ एंबुलेंस भी रोकीं गईं। तड़के किसानों ने चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उसे नाकाम कर दिया।
(सबरंग हिंदी में नवनीश कुमार की रिपोर्ट का अंश, साभार)