छिंदवाड़ा के भूला पुनर्वास, जमुनिया में मनाया ‘कॉर्पोरेट विरोधी दिवस’

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'Anti-Corporate Day'

सरकारें कॉर्पोरेट की कठपुतली बनकर गुलाम के तौर पर काम कर रही है – डॉ सुनीलम

अडानी पेंच प्रोजेक्ट हेतु अधिग्रहित जमीनें किसानों को वापस दी जाएं – सज्जे पटेल

आज किसान संघर्ष समिति द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक डॉ सुनीलम के नेतृत्व में शहीद भगत सिंह की 117 वीं जयंती पर भूला पुनर्वास, जमुनिया में कॉरपोरेट विरोधी दिवस मनाया गया।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि कृषि क्षेत्र और कृषि व्यापार पर कॉरपोरेट को एकाधिकार स्थापित करने की साजिश केंद्र सरकार द्वारा की जा रही है। जिसके खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा भगतसिंह की जयंती पर देशभर में कॉर्पोरेट विरोधी दिवस के तौर पर सैकड़ों कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आजकल सरकारें कॉर्पोरेट की कठपुतली बनकर उनकी गुलाम के तौर पर काम कर रही है, क्योंकि सरकारें उन्हें अधिकतम मुनाफा कमाने तथा कामगारों का अधिकतम शोषण करने की खुली छूट देती हैं। जिसके चलते गैरबराबरी चरम पर है तथा 44 श्रम कानून खत्म कर 4 लेबर कोड लागू किए जाने से कामगारों का शोषण भी चरम पर है।

चौरई ब्लॉक अध्यक्ष सज्जे पटेल ने कहा कि पेंच पावर परियोजना के नाम पर मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की बहुमूल्य जमीन अधिग्रहित कर ढांचा खड़ा किया गया था। जिसमें सैकड़ों किसान बर्बाद हो गये। बाद में यह जमीन मध्य प्रदेश सरकार की ओर से कौड़ियों के दाम अडानी पावर को बिजली घर की स्थापना के लिए हस्तांतरित कर दी गई। लेकिन इस जमीन पर अब तक पॉवर प्लांट नहीं लग पाया है। इसलिए यह जमीन किसानों को लौटाई जानी चाहिए।

बलराम पटेल ने कहा कि पेंच व्यपवर्तन परियोजना प्रभावित किसानों को अभी तक सम्पूर्ण मुआवजे का वितरण नही किया गया है न ही संपूर्ण पुनर्वास किया गया है। डूब प्रभावित क्षेत्र के नागरिक आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।

जिलाध्यक्ष विजय बिजौलिया ने डूब प्रभावित क्षेत्र के किसानों के बच्चों के स्थाई रोजगार की मांग करते हुए कहा कि ग्रामीणों का एकमात्र जरिया कृषि है जिसे विकास के नाम पर अधिग्रहित कर कार्पोरेट को सौंप दी जाती है। बदले में न उचित मुआवजा, न संपूर्ण पुनर्वास,न रोजगार के कोई वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध कराए जाते हैं।

झींगा वर्मा ने कहा कि डूब प्रभावितों को दिए गए पट्टे की रजिस्ट्री कराकर मालिकाना हक दिया जाना चाहिए तथा विस्थापितों से मकान -जमीन की वसूली गई रजिस्ट्री शूल्क वापस की जानी चाहिए।

श्याम बिहारी बंदेवार ने सभी से फसलों की मूल्य वृद्धि जिसमें सोयाबीन 8000, धान 5000, मक्का 3000, गेंहू 4000, चना 8000, गन्ना 500 रूपये प्रति क्विंटल पर खरीद की मांग तथा अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों के फसल बीमा की मांग सहित अन्य मांगों को लेकर भोपाल में 30 सितंबर 24 को आयोजित किसान सत्याग्रह में अधिक से अधिक संख्या में भागीदारी करने की अपील की।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उप सरपंच भूरा पटेल, दरेश पटेल, रामेश्वर ठाकुर, रामभरोस साहू, रामभरोस पटेल, रामगोपाल पटेल, फागलाल वर्मा, गौतम पटेल, अरविन्द उइके, अशोक चंद्रवंशी सहित सैकड़ों किसान शामिल हुए।

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