देशभर में हो रहे विरोध से भाजपा सबक ले : किसान मोर्चा

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27 मई। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने ताजा बयान में कहा है कि 26 मई के कार्यक्रम से यह स्पष्ट है कि किसान अपनी मांगें मनवाए बिना पीछे नहीं हटेंगे। सयुंक्त किसान मोर्चा ने सभी देशवासियों को 26 मई के सफल कार्यक्रम के लिए धन्यवाद दिया है।

मोर्चा ने कहा है कि यह आंदोलन अब भारत भर में दूरदराज के गांवों तक फैल रहा है। चाहे वह उत्तर पूर्व भारत में हो, या जम्मू और कश्मीर, या केरल या गुजरात या छत्तीसगढ़ में, स्पष्ट रूप से दिखाता है कि आंदोलन वास्तव में अधिक समर्थन और ताकत जुटा रहा है। पूरे देश में आम नागरिकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है और इसका परिणाम भाजपा और केंद्र सरकार को भुगतना है।

जैसा कि कल कई नेताओं ने अलग-अलग स्थानों पर कहा है, किसान अगले आम चुनाव तक भी लड़ने के लिए तैयार हैं। किसान समझते हैं कि मोदी सरकार किसानों की मांगें पूरी नहीं करती है तो आनेवाले चुनावों में भी कृषि आजीविका को एक प्रमुख मुद्दा बनाया जाएगा।

कल का विरोध दिवस मनाने के लिए कई ट्रेड यूनियनों ने भी किसानों का पूरा साथ दिया। मोदी सरकार द्वारा लाए गए मजदूर विरोधी लेबर कोड के खिलाफ भी मजदूर संघर्ष कर रहे हैं, और अन्य जनविरोधी नीतियों के खिलाफ भी लड़ रहे हैं।

समाज के अन्य वर्गों ने भी संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 26 मई को काला दिवस मनाने के लिए किसानों को अपना समर्थन दिया। जालंधर में ऑटो चालकों ने विरोध प्रदर्शन किया। कई जगह प्रगतिशील युवा और महिला संगठन भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। कुछ मीडिया घरानों ने कड़े संपादकीय के साथ सरकार से किसानों की मांगों को हल करने के लिए कहा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने देशभर में जनता द्वारा सरकार का पुतला जलाने, ट्रैक्टर और मोटर साइकिल रैली, रास्ता रोको और काला झंडा फहराने की खबरों का हवाला देते हुए कहा, “हाल के समय में शायद कोई अन्य सरकार नहीं है, जिसने पूरे देश में नागरिकों द्वारा इतना प्रतिरोध देखा हो। मोदी सरकार की नीतियां ऐसी शोषणकारी रही हैैं जिसके कारण इतना ज्यादा विरोध हो रहा है।

सयुंक्त किसान मोर्चा देशवासियों के साथ ही उन सभी संगठनों को भी धन्यवाद दिया है जिन्होंने संगठनात्मक रूप से कल के कार्यक्रम को समर्थन दिया व सफल बनाया।

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