7 जून। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन पर युवाओं द्वारा ‘यूपी बेरोजगार दिवस’ मनाने से सरकार बौखला गयी है इसलिए आनन फानन में रोजगार के मुद्दे पर कुछ न कुछ अधिसूचना जारी की जा रही है और रोजगार पर भ्रामक दावे किए जा रहे हैं। ऐसा कहना है ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम का, जिनके संगठन के आह्वान पर यह यूपी बेरोजगार दिवस की ट्विटर मुहिम चलायी गयी। अनुपम ने कहा कि झूठे प्रचार से जनता को गुमराह करना इस सरकार की फितरत हो गयी है। हर बार जब सरकार से सवाल पूछे जाते हैं तो जवाब देने के बजाय ये लोग झूठ बोलने की तीव्रता बढ़ा लेते हैं।
बीते 5 जून को युवाओं ने 10 लाख से ज्यादा ट्वीट कर मुख्यमंत्री के जन्मदिन को ‘बेरोजगारी दिवस’ के रूप में मनाया। जिसके तुरंत बाद यूपी गवर्नमेंट के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से रोजगार मिशन चलाये जाने की बात कही गयी। इतना ही नहीं, सोमवार 7 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 4 साल में 4 लाख रोजगार देने की न्यूज क्लिप लगाई गयी जिसके बाद ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय समन्वयक गोविंद मिश्रा ने सरकार को उन्हीं की भाषा में जवाब देते हुए कहा कि “कमाल का झूठ है ये तो! अखबार और झूठे प्रचार के माध्यम से कई बार 4 लाख नौकरियां देने का दावा किया गया लेकिन जब आरटीआई के जरिए पूछा गया कि किन विभागों में कितनी नौकरियां दी गईं तो सरकार के पास कोई आंकड़ा ही नहीं है।
‘युवा हल्ला बोल’ के प्रदेश प्रभारी रजत यादव ने ‘यूपी बेरोजगार दिवस’ पर सरकार की प्रतिक्रिया को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि अभी भी यह सरकार सच का सामना करने को तैयार नहीं है और फिर झूठे आंकड़े पेश कर रही है। शायद इन्हें अंदाजा नहीं कि युवाओं की अनदेखी करना और बेरोजगारी पर गंभीर न होना सरकार को कितना भारी पड़ सकता है। रजत ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार अगर इसी रवैए पर कायम रही तो आगामी विधानसभा चुनाव में “पढ़ाई कमाई दवाई” को बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा।
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