25 जून। जयप्रकाश नारायण द्वारा नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए 1974 में स्थापित निर्दलीय संगठन सिटिजंस फॉर डेमोक्रेसी ने शुक्रवार 25 जून को प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र जारी करके उनके इस्तीफे की मांग की है। सीएफडी ने उपर्युक्त पत्र में कहा है कि मौजूदा हालात अभूतपूर्व हैं। देश सबसे बड़े स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है। इसके अलावा अर्थव्यवस्था की इतनी बुरी हालत आजादी के बाद पहले कभी नहीं थी। करोड़ों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट है। ऐसी अभूतपूर्व परिस्थितियों का कारगर ढंग से मुकाबला तभी किया जा सकता है जब देश में एक ऐसी सरकार हो जिसे सभी राजनीतिक दलों और समाज के सभी तबकों का भरोसा हासिल हो। इसके लिए सभी दलों की सहमति वाली और विपक्ष की भी भागीदारी वाली राष्ट्रीय सरकार का गठन जरूरी है।
सीएफडी के पत्र में यह मांग की गई है कि राष्ट्रीय सरकार के गठन का रास्ता साफ करने के लिए प्रधानमंत्री खुद और अपनी सरकार का इस्तीफा दें।
इससे पहले सीएफडी ने 12 मई को भी राष्ट्रपति को पत्र लिखकर राष्ट्रीय सरकार के गठन के लिए पहल करने का अनुरोध किया था।
प्रधानमंत्री और उनकी सरकार के इस्तीफे की मांग करते हुए सीएफडी ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र के साथ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अनिल नौरिया का एक नोट भी संलग्न किया है जिसमें यह बताया गया है कि संकट काल में राष्ट्रीय सरकार का गठन कोई अनहोनी बात नहीं है बल्कि इसके अनेक उदाहरण हैं। मसलन, 1940 में ब्रिटेन की संसद में बहुमत बरकरार होते हुए भी चेंबरलेन ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और फिर चर्चिल के नेतृत्व में राष्ट्रीय सरकार बनी थी। खुद भारत में शुरू की जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली सरकारें ऐसी थीं जिनमें आंबेडकर जैसे कांग्रेस से बाहर के नेता भी मंत्री थे।
सीएफडी ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग का पत्र जारी करने के साथ ही सहमना संगठनों और व्यक्तियों से अपील की है कि वे राष्ट्रीय सरकार के गठन के लिए अधिक से अधिक जनमत बनाएं।
प्रधानमंत्री को इस्तीफे की मांग का पत्र भेजनेवालों में देश के लेखक, पत्रकार, एक्टिविस्ट, शिक्षाविद आदि विभिन्न क्षेत्रों के कई जाने-माने लोग शामिल हैं। इनके नाम इस प्रकार हैं-
1. एस.आर हीरेमठ (अध्यक्ष, सिटिजंस फॉर डेमोक्रेसी), 2. देवानूर महादेव (कन्नड़ लेखक), 3. प्रो, आनंद कुमार (अध्यक्ष, सोसायटी फॉर कम्युनल हारमनी), 4. एन.डी.पांचोली (महासचिव, सीएफडी), 5. अनिल नौरिया (लेखक, वकील), 6. मणिमाला (राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य, सीएफडी), 7. डॉ. रमेश अवस्थी (प्रमुख, इंडियन रेनेसाँ इंस्टीट्यूट), 8. बडागलपुर नागेन्द्र (अध्यक्ष, कर्नाटक राज्य रैयत संघ), 9. रूपा हसन (प्रेरणा विकास वेदिके), 10. प्रो. रामेन्द्र नाथ (अध्यक्ष, सीएफडी, बिहार), 11. महीपाल सिंह (संपादक, रैडिकल ह्यूमैनिस्ट), 12. दीपक ढोलकिया (संयोजक, इंडियन कम्युनिटी एक्टिविस्ट नेटवर्क), 13. प्रो. संदीप पांडेय (एक्टिविस्ट, लखनऊ), 14. डॉ. सैयदा हमीद (लेखक एवं एक्टिविस्ट), 15. दिलीप कामत (सलाहकार, सीएफडी), 16. अनिल सिन्हा (सचिव, सीएफडी), 17. एच.एस. अनुपमा (लेखक एवं एक्टिविस्ट), 18. राघवेन्द्र कुस्तागी (अध्यक्ष, जन संग्राम परिषद), 19. प्रो. टी.आर. चंद्रशेखर (अध्यक्ष, सीएफडी, कर्नाटक), 20. वी. नागराज (संयोजक, दलित संघर्ष समिति- सी), 21. रवि के. रेड्डी (अध्यक्ष, लांच मुक्त कर्नाटक निर्माण वेदिके), 22. ख्वाजा असलम अहमद (उपाध्यक्ष, सीएफडी, कर्नाटक), 23. मल्लिकार्जुन बी.एस. (जनांदोलनांगल महा मैत्री), 24. एस.ए.मक्काबी (संयोजक, ग्राम गणराज्य वेदिके), 25. गुरुप्रसाद केरागोडु (दलित संघर्ष समिति), 26. वी.आर पाटील (सचिव, सीएफडी, कर्नाटक), 27. अमित श्रीवास्तव (लॉयर्स फॉर डेमोक्रेसी), 28. आई.जी. पुल्ली (सचिव, एनसीपीएनआर)।