अंतिम अरदास में शामिल हुए हजारों किसान, देशभर में प्रार्थनासभाएं, मोमबत्ती मार्च

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12 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में 3 अक्टूबर को अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे के वाहनों के काफिले द्वारा कुचले गए पांच शहीदों की अंतिम प्रार्थना में शामिल होने के लिए मंगलवार को हजारों किसान और उनके समर्थक तिकुनिया पहुंचे। ये किसान न केवल उत्तर प्रदेश और उसके लखीमपुर खीरी जिले से थे बल्कि पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों से भी आए थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने लोगों को अरदास में शामिल होने से रोकने की पूरी कोशिश की। यूपी पुलिस द्वारा लगाए गए तमाम अवरोधों के बावजूद लोग बड़ी संख्या में तिकुनिया पहुंचने में सफल रहे।

किसानों ने एक बार फिर जोर-शोर से और स्पष्ट रूप से घोषणा कर दी है कि वे भाजपा-आरएसएस की विभाजनकारी राजनीति के कारण अपनी एकता और ताकत को टूटने नहीं देंगे। इसे तोड़ने की कोशिश के लिए इस किसान आंदोलन के साथ सांप्रदायिक खेल नहीं खेला जा सकता है, और भाजपा को इससे बचना चाहिए। एसकेएम ने कहा, “पूरे देश ने अब तक एक शक्तिशाली शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक आंदोलन को कुचलने के लिए भाजपा के हताश हत्यारे प्रयासों को देखा है। हालांकि, हम किसी भी तरह से आंदोलन को पटरी से नहीं उतरने देंगे, और हम इससे केवल मजबूत हुए हैं।” एसकेएम ने घोषणा की कि वह लखीमपुर खीरी हत्याकांड के शहीदों और अब तक आंदोलन में शामिल 630 से अधिक अन्य लोगों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देगा।

नछत्तर सिंह, लवप्रीत सिंह, गुरविंदर सिंह, दलजीत सिंह और रमन कश्यप के लिए तिकुनिया में हुई इस प्रार्थना सभा से संयुक्त किसान मोर्चा ने इस नरसंहार की घटना में न्याय दिलाने का संकल्प लिया। यह देश के लिए शर्म की बात है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अजय मिश्रा को मंत्री बनाए रखा है, भले ही उनके खिलाफ गिरफ्तारी और बर्खास्त करने के लिए एक ठोस मामला है। एसकेएम ने दोहराया कि वह यूपी के सभी जिलों और सभी राज्यों में शहीद कलश यात्रा के लिए, दशहरा के अवसर पर 15 अक्टूबर को भाजपा नेताओं के पुतला दहन के लिए और 18 अक्टूबर को पूरे भारत में रेल रोको के लिए अपनी कार्य योजना को जारी रखेगा।

वर्तमान आंदोलन में शहीद हुए पांच शहीदों और 631 अन्य किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए पूरे देश में प्रार्थना और श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की गईं। इस मामले में भाजपा मंत्री और नेताओं की दण्डमुक्ति के खिलाफ आम नागरिकों में आक्रोश की भावना हर जगह स्पष्ट है।

देश के विभिन्न राज्यों और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने स्थानों पर यात्राएं आयोजित करने के लिए शहीदों का अस्थि कलश प्राप्त किया। ये यात्राएं लखीमपुर खीरी हत्याकांड मामले में न्याय के लिए संघर्ष और किसानों के आंदोलन की समग्र मांगों के लिए अधिक से अधिक नागरिकों को जुटाने की कोशिश करेंगी।

15 अक्टूबर को,देश भर यह इंगित करने के लिए कि बुराई पर अच्छाई की जीत वास्तव में होकर रहेगी और दशहरे की भावना को बनाए रखने के लिए, पूरे देश में किसान-विरोधी भाजपा नेताओं नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अजय मिश्रा, नरेंद्र सिंह तोमर, योगी आदित्यनाथ, मनोहर लाल खट्टर और अन्य के पुतले किसानों द्वारा जलाए जाएंगे।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि राजनीति और सरकार के गठन में नैतिकता कायम रहे और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की जाए, एसकेएम अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त और गिरफ्तार करने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगा। इसके लिए 18 अक्टूबर को पूरे देश में रेल रोको आंदोलन किया जाएगा।

लोकनीति सत्याग्रह पदयात्रा

लोकनीति सत्याग्रह किसान जन जागरण पदयात्रा आज दोपहर दुभहर से रवाना होकर उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक क्रांतिकारी शहर बलिया पहुंची। यात्रा की आज ग्यारहवीं दिन है। पदयात्रा 24 किलोमीटर पैदल चलने के बाद आज रात फेफना पहुंचेगी और अब तक करीब 200 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी होगी। इस यात्रा से श्री नरेंद्र मोदी से मंगलवार का प्रश्न है – “पढाई, कमाई, दवाई, महंगाई, उचित मूल्य जैसे जरूरी सवाल सत्ता में आने के इतने साल के बाद भी आपके एजेंडे में क्यों नहीं?”

लोहिया स्मृति

प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी विचारक और नेता डॉ राममनोहर लोहिया की 54वीं पुण्यतिथि पर आज संयुक्त किसान मोर्चा उन्हें श्रद्धांजलि देता है। एसकेएम लोहिया की प्रसिद्ध पंक्तियों को याद करता है – “जब सड़कें सूनी हो जाती हैं, तो संसद आवारा हो जाती है”, और हमारा मानना ​​है कि यह बात आज भी उतनी ही लागू होती है जितनी तब जब डॉ लोहिया ने पहली बार कही थी।

शहीद सैनिकों और नागरिकों को श्रद्धांजलि

लखीमपुर खीरी हत्याकांड के पांच शहीदों के साथ, एसकेएम ने आज जम्मू-कश्मीर में एक मुठभेड़ में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देनेवाले पांच सैनिकों – जसविंदर सिंह, सराज सिंह, गज्जन सिंह, मनदीप सिंह और वैशाख एच.के को भी श्रद्धांजलि दी। एसकेएम ने दुख और गर्व के साथ नोट किया कि सिपाही गज्जन सिंह, जिनकी शादी चार महीने पहले ही हुई थी, ने अपनी बारात पर गर्व से किसान संगठन का झंडा फहराया था। एसकेएम हमेशा कहता रहा है कि देश की रक्षा के लिए किसान और जवान इस संघर्ष में एक साथ हैं। एसकेएम जम्मू-कश्मीर में पिछले दस दिनों में आतंकवादी हमलों में मारे गए निर्दोष नागरिकों को भी श्रद्धांजलि दी।

उत्तराखंड के रुद्रपुर में, जब एक स्थानीय भाजपा नेता एपीएमसी में एक कार्यक्रम में भाग लेने आए, किसानों ने काले झंडे से विरोध का आयोजन किया और किसानों को शीघ्र भुगतान नहीं होने पर अपना गुस्सा व्यक्त किया।

पुलिसिया जुल्म

एसकेएम बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पांच छात्रों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की निंदा करता है जो लखीमपुर खीरी हत्याकांड का विरोध कर रहे थे। एसकेएम उस भयानक यौन हमले की भी कड़ी निंदा करता है, जो दिल्ली पुलिस के द्वारा 10 अक्टूबर को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर लखीमपुर खीरी नरसंहार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाली दो महिला प्रदर्शनकारियों के साथ किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि ‘ये दिल्ली पुलिस के कुछ बदमाशों द्वारा की गई इकलौती हरकत नहीं थी। जिस तरह से दोनों महिलाओं के साथ समान रूप से हिंसा की गयी, उससे पता चलता है कि महिला कर्मियों को प्रशिक्षण और निर्देश प्राप्त हुए हैं कि वे महिला प्रदर्शनकारियों के साथ “उन्हें उनकी जगह दिखाने के लिए” इस तरह से व्यवहार करें। एसकेएम इस मांग का समर्थन करता है कि चाणक्यपुरी के एसीपी को बर्खास्त किया जाए और प्रदर्शनकारियों के कपड़े उतारने और मारपीट करनेवाले पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए।

महाराष्ट्र बंद सफल

लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार की निंदा करने और पूर्ण न्याय की मांग करने के लिए महाराष्ट्र में कल महा विकास अघाड़ी द्वारा बुलाया गया महाराष्ट्र बंद पूर्ण और सफल रहा। राज्य में एसकेएम घटकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। एसकेएम महाराष्ट्र के नागरिकों को बन्द को सफल बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करता है।

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