19 नवंबर। जय किसान आंदोलन ने तीन किसान-विरोधी काले कानूनों के खिलाफ ऐतिहासिक जीत पर देश के अन्नदाताओं को बधाई देते हुए कहा है कि यह जीत उन लाखों किसानों (खेत के मालिक, खेतिहर-मजदूर और खेती से जुड़े किसी भी व्यवसाय में लगे लोगों) की जीत है जो पिछले एक वर्ष से भारत के हर राज्य में किसान आंदोलन का हिस्सा रहे हैं, और उन 700 से अधिक किसानों के सम्मान में है जो इस संघर्ष में शहीद हुए। सभी बाधाओं के खिलाफ किसानों की जीत लोक-संघर्ष की ताकत का प्रमाण है, जिसके खिलाफ आज भाजपा सरकार को भी झुकना पड़ा।
जय किसान आंदोलन ने यह भी कहा कि यह जीत अभी अधूरी है। जबकि तीन कृषि-कानूनों को संसद द्वारा निरस्त किया जाना शेष है, सभी कृषि उपज के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और बिजली संशोधन अधिनियम की वापसी के लिए संघर्ष अभी कायम है। इन सभी मांगों के पूरा होने तक जय किसान आंदोलन का संघर्ष जारी रहेगा।
स्वराज इंडिया भारत के किसानों को किसान-विरोधी काले कानूनों की खिलाफ ऐतिहासिक जीत पर बधाई देता है। देश के अन्नदाताओं की आजीविका के संघर्ष में स्वराज इंडिया हमेशा एकजुट है। तीन किसान-विरोधी कानूनों को रद्द करने के साथ-साथ, हम भारत सरकार से सभी उपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की किसान आंदोलन की लंबित मांग को पुरा करने का भी आग्रह करते हैं।
– क्रिस्टीना सामी
अध्यक्ष, स्वराज इंडिया
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