25 दिसम्बर। जय किसान आंदोलन पंजाब में किसान संगठनों द्वारा एसकेएम के नाम से चुनावी मोर्चा गठन के विचार का समर्थक नहीं है और न ही किसी ऐसे प्रयास/प्रयोग का हिस्सा बनेगा।
जय किसान आंदोलन की पंजाब इकाई के संयोजक गुरबख्श सिंह ने कहा कि जय किसान आंदोलन पंजाब की 32 किसान जत्थेबंदियों का हिस्सा है। इनमें से कुछ किसान जत्थेबंदियों या व्यक्तियों द्वारा चुनावी मोर्चा बनाने की चर्चा चल रही है। मगर जय किसान आंदोलन, किसान संगठनों या व्यक्तियों द्वारा चुनावी मोर्चा बनाने का समर्थन नहीं करता बल्कि हमारी समझ है कि किसान संगठनों को अपनी एकता बनाये रखते हुए किसानों की मांगों के लिए संघर्ष की राह पर टिके रहना चाहिए। इसी रास्ते से किसान संगठन किसान हित में बड़ी भूमिका निभा पाएंगे।
गुरबख्श सिंह ने स्प्ष्ट किया है कि हम राजनीति करने या विभिन्न पार्टियों द्वारा चुनाव लड़ने के खिलाफ नहीं हैं। मगर महान किसान आंदोलन के बाद जब बड़ी जीत प्राप्त हुई है तो उस समय किसान आन्दोलन की सामूहिकता को बनाये रखकर संघर्ष को आगे ले जाना जरूरी है। हम सब जानते हैं कि संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन समाप्त नहीं किया बल्कि स्थगित किया है, क्योंकि अभी एमएसपी से लेकर कर्ज मुक्ति के महत्त्वपूर्ण सवाल बाकी हैं। इस समय किसान संगठनों या किसान नेताओं का चुनावी मोर्चा बनाकर चुनाव में उतारना किसानों की लड़ाई को कमजोर करेगा।
गुरबख्श सिंह ने चुनावी मोर्चा बनाकर चुनाव में जानेवाले किसान संगठनों व व्यक्तियों से अपील की है कि वे कम से कम साल भर चले किसानों के आंदोलन की विरासत का राजनीतिक लाभ लेने से परहेज करें और जो किसान संगठन या किसान नेता राजनीतिक पार्टी बनाकर चुनाव में उतरने का इरादा व्यक्त करते हैं वे संयुक्त किसान मोर्चा से खुद को अलग करने की घोषणा कर दें!