राजनीति

क्या बिहार फिर से नयी राजनीतिक दिशा दे सकता है?

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— डॉ अनिल ठाकुर — बिहार की राजनीति में कुछ समय से राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। नीतीश कुमार सोलह-सत्रह वर्षों से बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। अभी हाल में यानी 9 अगस्त को उन्होंने...

सेल्फी वाली यह आजादी किसकी है?

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— विमल कुमार — ‌पंद्रह अगस्त को पांच करोड़ सेल्फी हर घर तिरंगा योजना में अपलोड किया गया। यह डिजिटल युग और सोशल मीडिया के जमाने की आजादी है। मोदी 2022 तक हर व्यक्ति को...

फासीवाद से लड़ना हम सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए लेकिन क्या विपक्ष एकजुट हो...

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— राजू पाण्डेय — मैच के दौरान कई बार ऐसा होता है कि मैदान पर खेल रहे खिलाड़ियों से ज्यादा मैच देख रहे दर्शक उत्साहित-उत्तेजित हो जाते हैं; खिलाड़ी तो सौहार्द-संतुलन बनाए रखते हैं किंतु...

राष्ट्रप्रेम, आवरण नहीं आचरण में दीखे

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— जयराम शुक्ल — इन दिनों तिरंगा अभियान चल रहा है, घर-घर तिरंगा, हर घर तिरंगा। सबकुछ पचहत्तर-पचहत्तर। यह उत्सव मनाने की भारतीय अदा है। कई महकमे अपना मूल काम छोड़कर तिरंगा रैली निकाल रहे...

क्या विपक्षी एकता के सूत्रधार बनेंगे नीतीश?

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— अरुण कुमार त्रिपाठी — भारत छोड़ो आंदोलन की 80वीं जयंती के मौके पर पटना में समाजवादियों ने अगस्त क्रांति कर दी। नीतीश कुमार ने भले यह बात न कही हो लेकिन राजद के नेता...

अनुच्छेद 370 हटाने के तीन साल : हमने क्या खोया क्या पाया? – चौथी...

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— डॉ सुरेश खैरनार — कश्मीर के रीति-रिवाजों को देखकर लगता नहीं कि कौन हिन्दू है और कौन मुसलमान। वहाँ के नाम ही देख लीजिए- ऋषि परवेज, मोहम्मद पंडित, जफर भट ! और ये नाम...

अनुच्छेद 370 हटाने के तीन साल : हमने क्या खोया क्या पाया – तीसरी...

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— डॉ. सुरेश खैरनार — कश्मीर की समस्या को बढ़ाने के लिए वहाँ के हिन्दू महाराजा मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। और जब जिन्ना ने कहा कि अगर कश्मीर पकिस्तान में शामिल हुआ तो पकिस्तान...

अनुच्छेद 370 हटाने के तीन साल : हमने क्या खोया क्या पाया? – दूसरी...

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— डॉ सुरेश खैरनार — तीन साल पहले 370 हटाकर राज्य का दर्जा समाप्त कर उसे केंद्रशासित प्रदेश में बदलकर रख दिया! जबकि भारत में कश्मीर के विलय की शर्तों में एक शर्त यह भी...

अनुच्छेद 370 हटाने के तीन साल : हमने क्या खोया क्या पाया?

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— डॉ सुरेश खैरनार — कश्मीर पर बल द्वारा नहीं, केवल पुण्य द्वारा विजय की जा सकती है। यहाँ के निवासी केवल परलोक से भयभीत होते हैं, न कि शस्त्रधारियों से! - (पंडित कल्हण की...

देश की राजनीति में महिलाओं की‌ हिस्सेदारी इतनी कम क्यों है?

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— एड. आराधना भार्गव — हाल ही में सम्पन्न हुए नगरीय निकाय एवं पंचायतों के चुनाव में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया बल्कि दम खम के साथ चुनकर भी आईं। अगर भारत के संविधान...