‘झांकी’ से आगे
— पन्नालाल सुराणा —
अयोध्या एक झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है।
वर्ष 1986 से यह नारा संघ परिवार के लोग ढोल-नगाड़े बजा-बजाकर जनता को सुना रहे हैं। देश में अकाल आए, भूकंप आए, सुनामी आ जाए,...
असम में असंतोष क्या गुल खिलायेगा
- अपूर्व कुमार बरुआ -
असम में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के चलते राज्य के विभिन्न समुदायों के बीच दरारें उभर कर सतह पर आ गई हैं। ये दरारें पहले के मुकाबले और भी...