राजनीति

भारत में बढ़ती गैरबराबरी पर चुप्पी क्यों है?

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— प्रभात कुमार — भारत आज भी गरीबों, मजलूमों और मजदूरों का विशुद्ध देश है। कम से कम इस देश की 50 फीसद आबादी आजादी के 77 साल बाद भी गरीब है। रोजगार के अवसर...

विभाजन के दंश को स्थायी बनाने की हरकतें !

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— श्रवण गर्ग — (दो साल पूर्व प्रकाशित एक आलेख के प्रस्तुत संपादित अंशों को मुजफ्फरनगर के एक निजी स्कूल में एक टीचर द्वारा एक मुस्लिम छात्र को बारी-बारी से थप्पड़ मारने के लिए कक्षा...
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ढाई दिन की बादशाहत

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— प्रोफेसर राजकुमार जैन — जी हां, हिंदुस्तान के मध्यकालीन इतिहास में एक ऐसा भी बादशाह हुआ है, जिसको ढाई दिन की बादशाहत करने का मौका मिला था। बक्सर के मैदान में हुमायूं और शेरशाह...

मोदी विपक्ष मुक्त भारत बनाना चाहते हैं

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— गोपाल राठी — जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में हुई बहस देखी है उन्हें बहस देखकर सुनकर निराशा हुई। संसद में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष की पर्याप्त तैयारी और समन्वय नहीं दिखा।...

गांधी की हत्या का सिलसिला जारी है !

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— श्रवण गर्ग — (यह लेख ठीक एक साल पहले, 25 जुलाई 2022 को, एक ब्लागपोस्ट के तौर पर लिखा गया था। सर्व सेवा संघ परिसर पर जबरन सरकारी कब्जे से अत्यंत व्यथित और क्षुब्ध...

विपक्ष के गठबंधन को लेकर भाजपा विचलित क्यों है?

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— गोपाल राठी — राजनीतिक गठबंधन बनाना कोई नई बात नहीं है। गठबंधन का पहला लक्ष्य होता है विरोधी वोटों को विभाजित होने से रोकना। 1967 में जब डॉ. लोहिया ने गैरकांग्रेसवाद का नारा दिया...

एक चिंताजनक शुरुआत

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— शिवानंद तिवारी — सरकार के खिलाफ निकलने वाले हर जुलूस और प्रदर्शन का लक्ष्य होता है कि किसी प्रकार जुलूस पर लाठीचार्ज हो जाए। लाठीचार्ज का होना ही कार्यक्रम की सफलता मानी जाती है।...

क्या विपक्ष दलित प्रधानमंत्री का दॉंव चलेगा?

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— प्रभात कुमार — आजादी के 75 साल हो गए, देश को अब तक दलित प्रधानमंत्री नहीं मिला, यह दांव विपक्षी पार्टियां चल सकती है। इसकी संभावना कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ गुजरात हाई...
Modi And Biden

भारत की मूल आत्मा सर्व धर्म समभाव की है

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— श्रवण गर्ग — दुनिया के सबसे बड़े सम्मान नोबेल शांति पुरस्कार से पुरस्कृत और अमेरिका जैसे ताकतवर मुल्क के राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा को बारह हजार किलोमीटर की दूरी पर बैठकर भारत के हिंदू-मुसलिम...

फिर शुरू हुआ मोदी का विपक्ष तोड़ो अभियान

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— शिवानन्द तिवारी — अजीत पवार के नेतृत्व में एनसीपी के विधायकों के दल बदल को अप्रत्याशित नहीं कहा जा सकता है। स्मरण होगा कि इसके पूर्व अहले सुबह, सूरज निकलने के पहले अजीत पवार...