इन दिनों मधुर-मधुर मेरे दीपक जल – डॉ योगेन्द्र
रात बहुत बीत गयी तो हरेक घर के बाहर यम दिया जला दिया गया। यम से किसे डर नहीं लगता और जिससे डर लगता...
भारतीय आत्मा का आलोकित उत्सव ‘दीपावली’ – परिचय दास
दीपावली—यह शब्द आते ही जैसे आँखों के भीतर एक उजास फैल जाता है। न जाने कितनी स्मृतियाँ, कितनी आवाज़ें, कितनी गंधें एक साथ उठ...
त्यौहारों का त्यौहार दीपावली – राजेंद्र रंजन चतुर्वेदी
भारतीय-त्यौहारों को देखें तो पहली दृष्टि में ही यह स्पष्ट हो जायेगा कि उनकी एक परंपरा रात्रि-त्यौहारों की है और दूसरी परंपरा दिवस-पर्वों की...
तलाक शर्मनाक नहीं, दहेज प्रताड़ना सहना शर्मनाक है
— मेघना पंत —
ज्यादा पुरानी बात नहीं है, जब नोएडा में एक महिला को उसके पति और सास ने जला दिया था। उसके सात...
समाजशास्त्री आई.पी. देसाई और सेंटर फॉर सोशल स्टडीज (सूरत)
— डॉ शुभनीत कौशिक —
भारत में जिन समाजवैज्ञानिकों ने समाज के अध्ययन के साथ-साथ समाजविज्ञान को समर्पित संस्थाओं के निर्माण का काम किया, उनमें...
जी जी आपके सपनों को मंजिल तक पहुंचाएंगे! – डॉ सुनीलम
हम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ जी जी परीख को चाहने वाले उनसे कहा करते थे कि आप महात्मा गांधी जी की तमन्ना पूरी करेंगे,...
जनसांख्यिकी मिशन: पुरानी नफ़रत का नया नाम – इस्माइल सलाहुद्दीन
इस साल 15 अगस्त को, जब प्रधानमंत्री लाल किले के सामने खड़े होकर "जनसांख्यिकी मिशन"(Demographic Mission) शुरू करने की बात कर रहे थे, तो...
राग, रस और माटी : छन्नूलाल मिश्र का कण्ठ
— परिचय दास —
तब मैं दिल्ली सरकार की मैथिली - भोजपुरी अकादमी व हिन्दी अकादमी का सचिव था। था तो 2008 से ही लेकिन...
राम और रावण के बीच का मनुष्य
— परिचय दास —
क्वार मास की शरद ऋतु की हवा में जब आकाश निर्मल होकर नीलाभ हो उठता है और धरा अपने भीतर संचित...
दिल्ली के कद्दावर नेता विजय कुमार मल्होत्रा नहीं रहे! – प्रोफेसर...
दिल्ली की सियासत का जब कभी इतिहास लिखा जाएगा तो प्रोफ़ेसर विजय कुमार मल्होत्रा का जिक्र होना लाजमी है। आजादी के बाद मुल्क...
















