महात्मा गांधी के प्रति नेताजी का नजरिया
— विनोद कोचर —
नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती है|सारा देश उन्हें याद कर रहा है|आजादी हासिल करने के लिए हिंसा के मार्ग पर चलने...
धरती और बीज : भारतीय ज्ञान परंपरा
भारतीय ज्ञान परंपरा की चर्चा चल रही है किंतु यह बात कम ही लोगों को मालूम होगी कि कपिलावात्स्यायन जी का संकल्प ही भारतीय...
भारतीय ज्ञान परंपरा अतीत की कैदी नहीं है
— शंभूनाथ —
भारत, भारतीय संस्कृति और दर्शन पर पहले भी चर्चा होती थी। लेकिन भारतीय ज्ञान परंपरा पर चर्चा कई बार अपने दरवाजे-खिड़कियां बंद...
मैत्री के बिना रीता रह जाएगा महाकुंभ
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
बड़ी साध थी कि महाकुंभ जाऊं। लेकिन लगता है कि अपना घटकुंभ अभी कांचा है इसलिए इसे अभी पकाना और...
फातिमा शेख के अस्तित्व को नकार की राजनीति
— भंवर मेघवंशी —
नफरत से भरे इस दौर में दक्षिणपंथी कट्टर समूह सावित्री बाई फुले के बालिका शिक्षा के आन्दोलन की एक प्रमुख स्तम्भ...
दरवाज़े खोल दो बादशाह जा रहा है
— चंचल —
दुनिया के इतिहास का एक बहुत बड़ा नाम जो आज के दिन अलविदा कह गया ( 20 जनवरी 1988 )। 6 फरवरी...
कुम्भ के मेले में इन धर्म संकटों पर विचार कीजिए
— ध्रुव शुक्ल —
हम भारत के लोग धर्म, राजनीति, व्यापार, आबादी और पर्यावरण के क्षेत्रों में संकटग्रस्त है और इनमें ऐसा आपसी घालमेल हो...
बिना लाग लपेट, सीधा सच्चा भाषण मैंने सुना!
— प्रोफेसर राजकुमार जैन —
मेरी तमाम उम्र दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ते-पढ़ाते गुजरी है, इसलिए गुरु और शिष्य का रिश्ता कैसा हो? तालीम देने का...
मधु लिमये स्वतंत्रता लोकतंत्र व समाजवाद के योद्धा
— प्रो. राजकुमार जैन —
स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा समाजवादी चिन्तक मधु लिमये का जन्म 1 मई 1922 को पूना में हुआ। पूना के 'फर्ग्युसन...
कॉर्पोरेट बस्तर के सेप्टिक टैंक में दफ्न ‘लोकतंत्र’
— संजय पराते —
यदि पत्रकारिता लोकतंत्र की जननी है या पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं, तो यकीन मानिए, 3 जनवरी की रात वह...