पर्व बनाम प्रदूषण
— जयराम शुक्ल —
दीपावली की रात के बाद होनेवाली सुबह अजीब मनहूसियत से भरी होती है। वैसे भी यह परीबा (प्रतिपदा) का दिन होता...
भाईजी का जीवन एक नदी की तरह था
— रमेश चंद्र शर्मा —
शब्द, बोल, विचार, सर्व धर्म प्रार्थना, गीत, संगीत, अच्छे कर्म, साधना, मौन, श्रम कभी मरते नहीं हैं। कभी विविध कारण...
गांव बदलेगा तो देश बदलेगा
— हिमांशु जोशी —
बंगाल या फिर केरल के गांवों में आप घूमेंगे तो आपको वहां पब्लिक लाइब्रेरी आसानी से दिख जाएंगी। बंगाल ने उस...
गीत गानेवाले एक सिपाही का अवसान
— कुमार प्रशांत —
सिपाही का अवसान शोक की नहीं, संकल्प की घड़ी होती है। सलेम नानजुन्दैया सुब्बाराव या मात्र सुब्बाराव जी या देशभर के...
जी हाँ, हम अंधभक्त हैं, आज का बुद्धिजीवी, शब्दों का मकड़जाल,...
— प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन —
(छठी किस्त)
असमिया के प्रख्यात साहित्यकार, ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता, साहित्य अकादमी के भू.पू. अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य लिखते हैं कि “जब लोहिया नेफा...
जी हाँ, हम अंधभक्त है, क्या राजनैतिक इतिहासकार रामचंद्र गुहा ,एनडीटीवी...
— प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन —
(पाँचवीं किस्त)
राजनैतिक विश्लेषक, इतिहासकार रामचंद्र गुहा द्वारा संपादित प्रस्तुत पुस्तक ‘मेकर्स ऑफ मॉडर्न इंडिया’ में एक पूरा अध्याय राममनोहर लोहिया पर...
जी हाँ, हम अंधभक्त हैं, क्या भारत-पाक महासंघ का विचार डरावना...
— प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन —
(चौथी किस्त)
लेखक ने इस लेख में लोहिया के विचार भारत-पाक महासंघ की अप्रासंगिकता भी पेश की है। वे लिखते हैं...
भूख है तो सब्र कर
— जयराम शुक्ल —
मुट्ठीभर गोबरी का अन्न लेकर लोकसभा पहुंचे डॉ राममनोहर लोहिया ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरूसे कहा- लीजिए, आप भी खाइए इसे,...
उत्तर-स्वराज्य और गांधी
— श्रीभगवान सिंह —
भारत के लिए जिस स्वराज्य का सपना गाँधी देख रहे थे, वह केवल ब्रिटिश पराधीनता से स्वाधीन होने तक सीमित नहीं...
आर्यन के बहाने
— कुमार कुलानंद मणि —
किंग ऑफ बालीवुड शाहरुख ख़ान पुत्र आर्यन ख़ान पिछले कुछ दिनों से भारत के मुख्य समाचार बने हुए हैं। उनके...