आलोचना की एक जीवन दृष्टि का अवसान
— विमल कुमार —
"जब तक आप स्थानीय नहीं हैं तब तक आप वैश्विक नहीं हो सकते" - मैनेजर पांडेय
अगर आप किसी लेखक को उसके...
अलविदा सुधीर
— प्रोफेसर राजकुमार जैन —
दिल्ली के निगम बोध घाट से सुधीर गोयल की मृत काया को अग्नि में भस्मीभूत होता देखकर आया हूँ।
मूर्दघाट पर...
संजीव साने : विचार और संवेदनशीलता से संपन्न एक जीवन यात्रा
— अनिल सिन्हा —
जब 28 अक्टूबर, 2022 को अपने आखिरी समय तक सक्रिय रहने की कोशिश करने वाले समाजवादी संजीव साने के गुजरने की...
खेल, खेल ना रहा!
— प्रो. राजकुमार जैन —
हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच की मुनादी होते ही दोनों मुल्कों में खलबली मच जाती है, जुनूनी माहौल फैलने लगता...
गोवर्धन पूजा : एक क्रांति
— रामशरण —
सूरदास के एक मशहूर गीत में कृष्ण मां यशोदा से पूछते हैं कि सब गोरे हैं तो मैं क्यों काला हूं। आज...
क्या विभाजन के लिए गांधीजी जिम्मेवार थे?
विभाजन के लिए गांधीजी को जिम्मेदार माननेवाली हिन्दूराष्ट्रवादी विचारधारा के अंधभक्त अनुयायियों को इतिहास का कुछ भी ज्ञान नहीं है।
1942 का 'अंग्रेजो, भारत छोड़ो...
लोकतंत्र को बचाने का जेपी मार्ग
— पुनीत कुमार —
आधुनिक भारत में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की भूमिका को समझना और उसकी व्याख्या करना बेहद जरूरी जान पड़ता है। आज की...
आज के संदर्भ में स्वराज के सूत्र
— सुनील सहस्रबुद्धे और चित्रा सहस्रबुद्धे —
वर्तमान शासन के बारे में समझ यह बन रही है कि यह अधिनायकवादी है, भारतीय संविधान का सम्मान...
जब जयप्रकाश का बिगुल बजा
— विनोद कोचर —
लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जीवन और कार्य इस हद तक क्रान्तिकारी है कि समय के किसी भी पड़ाव पर नौजवानों को...
स्मरण मुलायम सिंह यादव
— गोपाल राठी —
नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन पर उन्हें अलग अलग ढंग से याद किया जा रहा है। भारतीय राजनीति में उनके...

















