Tag: Gandhi
आज सबसे प्रासंगिक कुछ है तो गांधी का सत्याग्रह
— कुमार शुभमूर्ति —
आनेवाली पीढ़ियां मुश्किल से यह विश्वास कर पाएंगी कि इसके जैसा मांस और खून का बना कोई आदमी इस पृथ्वी पर...
विभाजन : विफलता बनाम जिम्मेदारी
— नंदकिशोर आचार्य —
(यह लेख तब लिखा गया था जब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी पाकिस्तान गये थे और जिन्ना के...
गांधी, जैसा मैंने जाना – नारायण देसाई : तीसरी और अंतिम...
गांधी के सचिव-मंडल का हिस्सा बन कर, उनके साथ काम करते हुए, उनका एक और गुण जो मैंने जाना, वह था उनका व्यापक दृष्टिकोण। उनके लिए...
गांधी, जैसा मैंने जाना – नारायण देसाई : दूसरी किस्त
गांधी के बारे में सोचते हुए जो दूसरी बात मुझे सबसे ज्य़ादा अहम जान पड़ती है वह है उनके व्यक्तित्व का उत्तरोत्तर विकास। सत्य...
गांधी, जैसा मैंने जाना – नारायण देसाई
एक सुखद स्वीकारोक्ति से बात शुरू करता हूं। अगर आप मुझसे पूछें कि मैंने गांधी को कब देखा, तो मैं यही कहूंगा कि इस...
विकेन्द्रीकरण का नया मिथ – नंदकिशोर आचार्य
कम्प्यूटर क्रान्ति के विस्फोट के बाद विकेन्द्रीकरण को लेकर एक मिथ व्यापक स्तर पर प्रचलित हो रहा है कि अब केन्द्रीकृत उत्पादन की आवश्यकता...
समाजवादी साधक साने गुरु जी
— मुख्तार अनीस —
(समाजवादी साधक साने गुरुजी ने देश के स्वाधीनता आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। मराठी साहित्य में भी उनका अप्रतिम योगदान है।...
विन्सेंट शीन, जिन्होंने कहा था कि गांधी कभी भी मारे जा...
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
विन्सेंट शीन ऐसे अमरीकी पत्रकार थे जिन्होंने बहुत साफ शब्दों में कह दिया था कि महात्मा गांधी की कभी भी...
गांधी के बारे में दुष्प्रचार से लड़ती एक किताब
— हिमांशु जोशी —
गांधी के बारे में आप जानने की जितनी कोशिश करेंगे उतना गहराते चले जाएंगे। उनके बारे में महान वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन ने कहा भी...
राष्ट्रपिता और फादर
— कुमार कलानंद मणि —
सन 1922 में गांधीजी को यरवदा जेल में रखा गया था। जेल के सुपरिटेंडेंट मेजर जोंस को लगा कि गांधीजी...