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दलित और समाजवादी
— क़ुरबान अली —
देश के प्रख्यात समाजशास्त्री और जाने-माने समाजवादी बुद्धिजीवी प्रो. आनंद कुमार ने ‘समता मार्ग’ पोर्टल पर लिखे दो किस्तों के लेख...
1942 में समाजवादियों के योगदान का ठीक से मूल्यांकन होना अभी...
यह जनक्रांति कई संगठनों की अवसरवादिता के कारण अत्यंत प्रतिकूल राजनीतिक परिस्थितियों में संपन्न हुई। यह अविश्वसनीय सत्य है कि ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ का कांग्रेस को...
हमें फ़ख्र है कि हमने उस महामानव से बात की है
— प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन —
(पाँचवीं किस्त)
हिंदुस्तान के सोशलिस्टों से बादशाह ख़ाँ का बहुत लगाव था। आज़ादी की जंग में सीमांत गांधी देखते थे कि हालात...
भारत छोड़ो आंदोलन की चेतना के मायने
— प्रेम सिंह —
अगस्त क्रांति के नाम से मशहूर और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में मील का पत्थर माने जानेवाले भारत छोड़ो...
हिंदू बनाम हिंदू – राममनोहर लोहिया : तीसरी किस्त
(‘हिंदू बनाम हिंदू’ लोहिया के प्रसिद्ध प्रतिपादनों में से एक है। भारत के इतिहास के गहन अनुशीलन से वह बताते हैं कि हिंदू धर्म या...
हिंदू बनाम हिंदू – राममनोहर लोहिया : दूसरी किस्त
(‘हिंदू बनाम हिंदू’ लोहिया के प्रसिद्ध प्रतिपादनों में से एक है। भारत के इतिहास के गहन अनुशीलन से वह बताते हैं कि हिंदू धर्म या...
दलितों के लिए समाजवादियों ने क्या किया – आनंद कुमार
(समाजवादी आंदोलन को अमूमन पिछड़ों के उभार से जोड़कर देखा जाता रहा है। समाजवादी आंदोलन ने दलितों-आदिवासियों के लिए कौन-सी लड़ाइयां लड़ीं, इसकी जानकारी...
हिंदू बनाम हिंदू – राममनोहर लोहिया : पहली किस्त
(‘हिंदू बनाम हिंदू’ लोहिया के प्रसिद्ध प्रतिपादनों में से एक है। भारत के इतिहास के गहन अनुशीलन से वह बताते हैं कि हिंदू धर्म या...
ऐसे थे लोहिया
— बृजमोहन तूफान —
लोहिया जी से मेरी मुलाकात 1946 में जेल से छूटने के बाद दिल्ली में हुई। हम कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के मेंबर...
अगस्त क्रांति के अग्रणी सेनानी सीताराम सिंह
— नवीन —
सन 1857 के गदर के बाद तीन महत्त्वपूर्ण और निर्णायक चरण राष्ट्रीय आंदोलन के हैं। पहला लाहौर षड्यंत्र केस, जिसमें शहीदे आजम...