Tag: Sharmila Jalan
काव्यात्मक प्रतीकों में सृजित कहानियां
— राजेश प्रसाद —
भाषा की दृष्टि से माँ, मार्च और मृत्यु की कहानियां काव्यात्मक हैं। कहानियों के बदलाव के साथ भाषा में भी सूक्ष्म बदलाव स्वाभाविक रूप...
जिये गए जीवन का आलोक
— शर्मिला जालान —
ज़करिया स्ट्रीट से मेफ़ेयर रोड तक शीर्षक आत्मकथा उत्तर कोलकाता से दक्षिण कोलकाता की ऐसी यात्रा है जिसे कई जगहों से...
रहस्य और विस्मय का आलोक
— शर्मिला जालान —
कविता हो या लेख या कोई संस्मरण, गगन गिल उसमें संदर्भ, परिवेश और पड़ोस सामने रखती हैं और उसी में बुनती जाती...