5 अप्रैल। किसानों ने देश के विभिन्न स्थानों पर एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) के दफ्तरों और गोदामों का घेराव किया। ऐसा संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तय किए गए कार्यक्रम के मुताबिक हुआ। संयुक्त किसान मोर्चा ने 5 अप्रैल को एफसीआई बचाओ दिवस मनाने और इस दिन एफसीआई के दफ्तरों का घेराव करने का एलान किया था। एफसीआई बचाओ दिवस मनाने के पीछे यह एहसास काम कर रहा है कि सरकार एफसीआई को खत्म करना चाहती है। इस अंदेशे को एफसीआई को लेकर मोदी सरकार के रवैए के चलते बल मिला है। एफसीआई के लिए बजट आबंटन से किनारा करके सरकार ने उसे गले तक कर्ज में डुबा दिया है। विडंबना यह है कि सरकार एक तरफ एफसीआई को खत्म करने की योजना पर चल रही है और दूसरी तरफ कहती है कि ‘एमएसपी थी, एमएसपी है और एमएसपी रहेगी’। उसके इस आश्वासन पर कौन यकीन करेगा, जबकि वह अनाज की सरकारी खरीद करनेवाली संस्था को ही मार डालने पर आमादा है। पीडीएस को बचाने के लिए भी एफसीआई को बचाना जरूरी है।
एफसीआई बचाओ दिवस पंजाब, हरियाणा, बिहार और उत्तर प्रदेश से लेकर आंध्र तेलंगाना तक बहुत सारे राज्यों में मनाया गया। एफसीआई के दफ्तरों का घेराव करने के साथ ही किसान उन जगहों पर धरने पर भी बैठे। धरना स्थलों से ही केंद्र के उपभोक्ता मामलों के मंत्री के नाम एक पत्र भेजा गया, जिसमें एफसीआई की बदहाली पर ध्यान खींचते हुए उसे वित्तीय तौर पर मजबूत करने की मांग की गई है।