किसान मोर्चा ने मनाया मई दिवस

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1 मई। आज गाजीपुर बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान मजदूर एकता दिवस का आयोजन किया जो लाॅकडाउन के दमघोंटू हालात, जनवादी अधिकारों पर बढ़ते हमलों, महामारी के बढ़ते प्रकोप और अहंकारी शासन की संवेदनहीनता के माहौल में मनाया जा रहा है। ये नये कानून कारपोरेट पक्षधर, विदेशी कम्पनी पक्षधर ‘सुधार’ पर अमल कर रहे हैं जो औद्योगिक मजदूरों, किसानों व गरीबों के जीने के अधिकारों पर हमला करते हैं।

शिकागो के 1886 के आंदोलनों को याद करते हुए, वक्ताओं ने 8 घंटे कार्यदिवस की मांग और संगठित होने व संघर्ष करने के अधिकार की चर्चा की। उस आंदोलन में पुलिस फायरिंग में कई मजदूर मारे गए और बाद में सात नेताओं पर फर्जी केस दर्ज करके उन्हें मौत की सजा दी गई, इसके बावजूद आंदोलन जारी रहा।

आज भारत सरकार ने न केवल 4 लेबर कोड पर अमल करके मजदूरों द्वारा न्यूनतम वेतन, मानवीय काम के हालात, औद्योगिक दुर्घटनाओं से रक्षा, स्वास्थ्य व शिक्षा की कल्याणकारी योजनाओं के मौलिक अधिकारों के लिए संघर्ष के हक पर हमला किया है, उसने पर्यावरण की रक्षा के पैमाने को कमजोर करके विनाशकारी उद्योगों को भी छूट दी है। आज बहुत सारे बुद्धिजीवियों को किसानों व मजदूरों के संघर्ष का समर्थन करने के कारण फर्जी केसों में जेल में डाला जा रहा है, जैसा कि 1886 में किया था।

वक्ताओं ने स्वास्थ्य, शिक्षा, एलआईसी, बैंक, रेल आदि का निजीकरण करने की निन्दा की और कहा कि इससे आम जन की परेशानियां बढ़ जाएंगी।

खेती के 3 काले कानून किसानों की फसल उगाने की स्वतंत्रता समाप्त कर देंगे, वे कारपोरेट नियंत्रित बाजार के पाबंद हो जाएंगे जिसमें महंगी लागत के सामान खरीदेंगे और फसल सस्ते में बेचने को मजबूर होंगे। ये कानून सरकारी सब्सिडी समाप्त करा देंगे, सरकारी खरीद बंद करा देंगे, सिंचाई का संकट बढ़वा देंगे और राशन व्यवस्था ध्वस्त करके 82 करोड़ देशवासियों को कारपोरेट बाजार से खाना खरीदने को मजबूर करेंगे। इसके बाद खाना जीने के लिए आश्यक वस्तु नहीं बचेगा और औद्योगिक विकास का आधार बनेगा।

वक्ताओं ने किसानों व मजदूरों से अपील की कि वे बहादुरी के साथ आगे आकर सरकार को उसकी नींद से झकझोर दें और कोरोना महामारी के मद्देनजर चिकित्सीय प्रबंध करने के लिए मजबूर करें यानी सरकार अस्पताल चलाए, गांव की सीएचसी चलवाए, आक्सीजन की व्यवस्था कराए, पुलिस जुर्माना बंद कराए और उसे मास्क व सैनिटाइजर बांटने का काम कराए, बिस्तर, आक्सीजन व दवाओं की कालाबाजारी बंद कराए और कालाबाजारी करनेवालों को जेल भेजे।

एक व्यापक आंदोलन खड़ा करने की अपील करते हुए आज की सभा को ट्रेड यूनियन नेता इफ्टू के दिल्ली महासचिव राजेश, सीटू एनसीआर उपाध्य़क्ष गंगेश्वर शर्मा, इंकलाबी मजदूर केन्द्र के रोहित, प्रगतिशील महिला संगठन दिल्ली की महासचिव पूनम और संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राजबीर सिह जादौन, डा आशीष मित्तल, डीपी सिंह, बलजिंदर सिह मान, गुरनमीत मांगत, आदि ने संबोधित किया।

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