लखीमपुर खीरी जाएंगे मध्यप्रदेश के किसान

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21 जनवरी। संयुक्त किसान मोर्चा मध्यप्रदेश से जुड़े किसान संगठनों की बैठक नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी 25 संगठनों ने भाग लिया। बैठक का संचालन एआईकेकेएमएस के उपाध्यक्ष प्रदीप आर.बी. ने किया। बैठक में मेधा पाटकर एवं डॉ सुनीलम ने 15 जनवरी को दिल्ली में हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया।

किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ सुनीलम ने बताया कि केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को जो लिखित आश्वासन दिए थे, जिनके आधार पर आंदोलन स्थगित किया गया था, उनका पालन नहीं किया गया है जो कि संपूर्ण किसान आंदोलन के साथ धोखाधड़ी है। अभी तक न तो किसानों पर लादे गए फर्जी प्रकरण वापस लिये गए हैं ,न ही सभी शहीदों के परिजनों को मुआवजा और एक परिवारजन को नौकरी दी गयी है, एमएसपी के लिए कमेटी भी नहीं बनायी गयी है, इसलिए किसान संगठनों ने 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस मनाने का निर्णय किया है।

डॉ सुनीलम ने बताया कि वे 25 जनवरी को सीधी और 26 जनवरी को रीवा जाएंगे तथा भूमि अधिग्रहण के खिलाफ सिंगरौली में चल रहे आदिवासियों के अनिश्चितकालीन धरना में शामिल होंगे।

बैठक को संबोधित करते हुए मेधा पाटकर ने कहा कि बड़वानी में सर्वधर्म समभाव सम्मेलन तथा विश्वासघात दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने निजीकरण और 4 लेबर कोड रद्द करने की मांग को लेकर की जा रही श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करने का फैसला किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंगरौली में एसडीएम द्वारा डिप्टी कलेक्टर की उपस्थिति में आदिवासियों की भूमि अधिग्रहीत करने के सवाल करने पर मीडियाकर्मी को पीटे जाने की घटना को लोकतंत्र और प्रदेश के लिए शर्मनाक बताते हुए राज्य सरकार से एसडीएम को बर्खास्त करने की मांग की है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से इस संबंध में राज्यपाल को ज्ञापन दिया जाएगा।

सिंगरौली से किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष एड अशोक सिंह पैगाम एवं प्रदेश सचिव निसार आलम अंसारी ने आदिवासियों की भूमि अधिग्रहीत किये जाने की जानकारी दी।

रीवा से शहीद राघवेंद्र सिंह किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने आवारा पशुओं का सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आवारा पशु किसानों की फसलें चौपट कर जाते हैं लेकिन प्रशासन ना तो गौशालाओं का निर्माण कर रहा, न ही आवारा जानवरों द्वारा नष्ट की गयी फसलों का मुआवजा दिला रहा है। उन्होंने गौशाला में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच की मांग की।

किसान जागृति संगठन के अध्यक्ष इरफान जाफरी ने कहा कि उनका संगठन जिले और ब्लॉक स्तर पर 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस पर विरोध प्रदर्शन करेगा।

रीवा से संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक एडवोकेट शिव सिंह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के यूपी मिशन हेतु रीवा के किसान बड़ी तादाद में उत्तरप्रदेश जाएंगे। छिंदवाड़ा से किसान संघर्ष समिति की उपाध्यक्ष एडवोकेट आराधना भार्गव ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर लादे गए फर्जी मुकदमों को वापस लेने के लिए सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने किसानों पर लादे गए मुकदमे वापस लेने की सरकार से मांग की। उन्होंने कहा कि 30 जनवरी को गांधीजी के शहादत दिवस पर छिदवाड़ा में सर्वधर्म संसद का आयोजन किया जाएगा तथा 31जनवरी को विश्वासघात दिवस मनाया जाएगा।

किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण कुरेरिया ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के घटक संगठनों को सरकार की वादाखिलाफी, एमएसपी, आदिवासियों को वन अधिकार दिलाने एवं आवारा पशुओं की रोकथाम आदि मुद्दों पर एकसाथ आकर प्रभावशाली आंदोलन करना होगा।

अखिल भारतीय किसान सभा (अजय भवन) के महासचिव प्रहलाद दास बैरागी ने कहा कि शिवराज सिंह सरकार ने पिछले कार्यकाल में किसानों को ना तो बोनस दिया ना ही भावांतर की राशि का भुगतान कराया। वर्ष 2020 की राहत राशि भी पूरी नहीं दी, ना ही फसल बीमा का भुगतान कराया। मनरेगा में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हो रहे हैं।

बैठक को छतरपुर से किसान क्रांति के अध्यक्ष दिलीप शर्मा, इंदौर से क्रांतिकारी किसान मजदूर संगठन के संयोजक बाबू सिंह राजपूत, नर्मदा बचाओ आंदोलन के मुकेश भगोरिया, राजा, विदिशा से राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के उपाध्यक्ष राहुल राज, सागर से भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन के अध्यक्ष संदीप ठाकुर, गुना से एआईकेकेएमएस के मनीष श्रीवास्तव, इंदौर से अ.भा.किसान मजदूर संघ के सोनू शर्मा, बर्गी बांध विस्थापित संघ के राजकुमार सिन्हा, भोपाल से क्रांतिकारी किसान संगठन के विजय कुमार, नरसिंहपुर से भाकियू के जिलाध्यक्ष बाबू पटेल, सिवनी से किसंस के संयोजक राजेश पटेल, सागर से किसंस जिलाध्यक्ष अभिनय श्रीवास आदि ने विश्वासघात दिवस मनाने की घोषणा करते हुए अपने विचार साझा किये।

– भागवत परिहार

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