बिहार में रोजगार माँगने वालों में 73 प्रतिशत निरक्षर

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25 मई। देशभर की तुलना में रोजगार माँगने वालों में 73 फीसदी निरक्षर बिहार के हैं। राज्य में ऐसे लोगों की संख्या पाँच लाख से अधिक है। इसके उलट पढ़े-लिखे लोगों में रोजगार माँगने की दिलचस्पी कम दिख रही है। 12वीं पास को छोड़ दें तो उच्च शिक्षा हासिल करने वालों में रोजगार माँगने का औसत 10 फीसदी से भी कम है।

एनसीएस पर दर्ज रिपोर्ट के अनुसार बीते 30 अप्रैल तक देश भर में 7,31,000 ऐसे लोगों ने रोजगार के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, जो कभी स्कूल तक नहीं गए। इनमें से 73 फीसदी यानी 5,37,000 बेरोजगार बिहार के हैं। नौवीं पास देश भर में 4,96,000 लोगों ने निबंधन कराया है, जिसमें बिहार के मात्र 13,451 बेरोजगार हैं। वहीं 10वीं पास बेरोजगारों की संख्या देश में 40 लाख से अधिक है। इनमें दो लाख 52,000 लोग बिहार के हैं। दसवीं पास बेरोजगारों का औसत 6.28 फीसदी है।

हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक इन रजिस्टर्ड युवाओं में 19 लाख से ज्यादा पुरुष तो लगभग 3 लाख महिलाएँ हैं। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन करानेवालों में ट्रांसजेंडरों की संख्या 226 है। पोर्टल पर रजिस्टर्ड युवाओं की उम्र पर गौर करें तो 18 साल की उम्र वाले कुल 64,439 लोगों में भी बिहार के युवाओं की संख्या अच्छी-खासी है। इस वर्ग में 8327 बिहारी युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

एनसीएस पोर्टल पर सिर्फ 18 से 24 और उससे ऊपर के आयुवर्ग के युवाओं ने ही नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, बल्कि 35 से 44 साल के युवाओं ने भी पंजीकरण कराया है। इस आयुवर्ग में भी लगभग डेढ़ लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। पोर्टल 45 से 54 और इससे ऊपर के आयुवर्ग वाले लोगों ने भी पंजीकरण कराया है।

बताते चलें, कि एनसीएस केंद्रीय श्रम एवं सेवायोजन मंत्रालय का पोर्टल है, जिसमें रोजगार से जुड़ी हर जानकारी उपलब्ध है। इसमें सरकारी के साथ ही निजी क्षेत्र में रोजगार की भी जानकारी दी गई है। इसके लिए आवेदकों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसमें अभ्यर्थियों की योग्यता के आधार पर उन्हें जॉब के अवसर भी प्राप्त होते हैं।

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