डर का राज, दिल्ली पुलिस ने की कांग्रेस मुख्यालय की घेराबंदी की

0

6 अगस्त। दिल्ली पुलिस ने 5 अगस्त(बुधवार) को कांग्रेस द्वारा मूल्य वृद्धि के विरोध में अपने प्रदर्शन को रद्द करने का आदेश जारी किया, और पार्टी मुख्यालय, सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के आधिकारिक आवासों की घेराबंदी कर दी।आधिकारिक सूत्रों ने बताया, कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग जाँच के तहत कांग्रेस के स्वामित्व वाले नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रधान कार्यालय में यंग इंडियन परिसर को अस्थायी रूप से सील कर दिया है।कांग्रेस को दिल्ली पुलिस द्वारा जारी पत्र प्रेषित किये जाने के तुरंत बाद 24, अकबर रोड पर पार्टी कार्यालय के बाहर तथा 10, जनपथ में सोनिया गाँधी के आवास और 12, तुगलक लेन में राहुल गाँधी के आवास के बाहर सड़कों पर पूरी तरह से बैरिकेडिंग के साथ भारी पुलिस तैनाती की गई।

भारी तैनाती को वापस लेने के लिए तथा पुलिस कार्रवाई की निंदा करने के लिए कांग्रेस ने शाम 7 बजे एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया।एआईसीसी के एक पदाधिकारी ने कहा, कि लगभग 500 पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों ने पार्टी मुख्यालय और सोनिया गाँधी के आवास का घेराव किया था। लेकिन वे अब दूर जा रहे हैं, शायद योजना में बदलाव हो गया है।पुलिस ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी मुख्यालय से बाहर निकलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जब उन्होंने नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी द्वारा सोनिया और राहुल से पूछताछ के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया था। यहाँ तक, ​​कि पार्टी के सांसदों को भी संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने की इजाजत नही थी। राजनीतिक गतिविधियों पर इस तरह के प्रतिबंध दुर्लभ हैं। दिल्ली में अब राजनीतिक प्रदर्शन और मार्च लगभग प्रतिबंधित हैं।

कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “यह (पुलिस कार्रवाई) हमें धमकाने के उद्देश्य से की गई थी। यह डराने-धमकाने की राजनीति है। यह केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। लेकिन हमें इस तरह से धमकाया नहीं जा सकता है। हम इन युक्तियों से नहीं डरते हैं। जो धमकी देते हैं, वे खुद डरते हैं। जो डर पैदा करने का इरादा रखते हैं, वे खुद डर जाते हैं। हमारा आंदोलन महंगाई, बेरोजगारी और जरूरी खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने के विरुद्ध जारी रहेगा।” कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने कहा, “पुलिस उपायुक्त ने आज हमें लिखा, कि हम 5 अगस्त को कोई विरोध नहीं कर सकते हैं और फिर उन्होंने हमारे कार्यालयों की घेराबंदी कर दी।”

5 अगस्त के प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य एआईसीसी द्वारा प्रधानमंत्री आवास का घेराव करना था। सांसदों को संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने की योजना थी। राज्यों में सभी राजभवनों पर प्रदर्शन होना था। लेकिन वर्तमान सरकार ने दहशत पैदा करने के लिए हमें धमकाने का सहारा लिया। माकन ने कहा, “वे यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदर्शन को नियंत्रित करना चाहते हैं, कि मूल्य वृद्धि और बेरोजगारी जैसे मुद्दे सार्वजनिक प्रवचन पर हावी न हों। उन्होंने यह गलत धारणा बनाने की कोशिश की, कि कांग्रेस किसी अन्य मुद्दे (नेशनल हेराल्ड जाँच) पर लड़ रही है। वे लोगों को भ्रमित करने के लिए विचलन और सनसनीखेज चाहते हैं। लेकिन हमारे मुद्दे मूल्य वृद्धि और बेरोजगारी हैं। चाहे वे कितना भी दबाव डालें, हम अपनी आंदोलन योजना को पूरा करने जा रहे हैं। हम शासन के सामने कभी नहीं झुकेंगे।”

ब्रीफिंग में मौजूद अभिषेक सिंघवी ने कहा, “एक राजनीतिक दल के कार्यालयों और हमारे नेताओं के आवासों के बाहर बैरिकेड्स, प्लाटून। कोई अंदर नहीं आ सकता, बाहर जाओ। क्या यही लोकतंत्र है? यह अपमानित करने और डराने के लिए है। यह क्षुद्र राजनीति का सबसे खराब रूप है। वे नहीं जानते कि ‘डर’ कांग्रेस नेतृत्व के शब्दकोश में नहीं है। वे चकित हैं, कि हम अभी भी उनकी जबरदस्ती की राजनीति के खिलाफ खड़े हैं। हम ऐसा करना जारी रखेंगे।”

सूत्रों ने कहा, कि यंग इंडियन परिसर पर अस्थायी मुहर “सबूतों को संरक्षित करने” के लिए लगाई गई थी, जिसे एकत्र नहीं किया जा सका क्योंकि मंगलवार को छापे के दौरान अधिकृत प्रतिनिधि मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा, कि बाकी नेशनल हेराल्ड कार्यालय उपयोग के लिए खुला है। समाचार पत्र एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया जाता है, और इसकी होल्डिंग कंपनी यंग इंडियन है। नेशनल हेराल्ड एजेएल के नाम से पंजीकृत है। ईडी के जाँच अधिकारी के हस्ताक्षर के साथ चिपकाए गए नोटिस में कहा गया है, कि यंग इंडियन कार्यालय को केंद्रीय एजेंसी से “पूर्व अनुमति के बिना” नहीं खोला जा सकता है। अधिकारियों ने कहा, कि ईडी की टीम ने यंग इंडियन कार्यालय के प्रमुख प्रभारी अधिकारी को परिसर खोलने के लिए ईमेल किया था, ताकि एजेंसी की तलाशी ली जा सके लेकिन जवाब का इंतजार है।

(Telegraphindia.com से साभार)

अनुवाद : अंकित निगम

Leave a Comment