बेरोजगारी को लेकर संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति का धरना प्रदर्शन

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21 अगस्त। देश में बेरोजगारी की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। सरकारों का रोजगार के प्रति रवैया बिल्कुल नकारात्मक ही बना हुआ है। कोई भी इसकी सुध लेने को तैयार नही। दिल्ली में रोजगार आंदोलन के 21वें दिन राष्ट्रीय रोजगार नीति को लागू कराने को लेकर प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर क्रमिक अनशन किया। देश में बढ़ती बेरोजगारी और अग्निपथ योजना के विरोध में रोजगार आंदोलनकारियों ने नाटक के माध्यम से केंद्र सरकार के खिलाफ सांकेतिक विरोध प्रदर्शन भी किया। आंदोलनकारियों ने कहा कि देश में राष्ट्रीय रोजगार नीति आधारित कानून बनना चाहिए। रोजगार एक बुनियादी अधिकार है, और यह देश में सभी को मिलना ही चाहिए।

जनभावना टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रोजगार आंदोलन 16 अगस्त को दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय के नेतृत्व में शुरू किया गया था और 21 मार्च को इस आंदोलन का समापन था। समापन समारोह में गोपाल राय ने कहा, कि भले ही आज ये आंदोलन समाप्त हो रहा है लेकिन हम चुप नहीं बैठेंगे। केंद्र सरकार को राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाने पर तुरंत ही विचार करना चाहिए। अब तक किसी भी सरकार ने राष्ट्रीय रोजगार नीति का मुद्दा नहीं उठाया है न ही इस पर किसी तरह की चर्चा हुई है। राष्ट्रीय रोजगार नीति समय की माँग है। इसको लागू करके ही बेरोजगारी की समस्या का समाधान हो सकता है।

विदित हो कि बेरोजगार संघ के प्रदर्शनकारियों से मिलने जा रहे किसान नेता राकेश टिकैत को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा, “सरकार के इशारे पर काम कर रही दिल्ली पुलिस किसानों की आवाज को नहीं दबा सकती। यह गिरफ्तारी एक नई क्रांति लेकर आएगी। यह संघर्ष अंतिम सांस तक जारी रहेगा। ना रुकेंगे, ना थकेंगे, ना झुकेंगे।”

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