16 सितंबर। दिल्ली विकास अधिनियम 1957 में संशोधन का सहारा लेकर दिल्ली देहात के 100 से अधिक गाँवों की जमीन किसान विरोधी कानून के सहारे छीनने की कोशिश की जा रही है। शुक्रवार को स्वराज इंडिया के नेतृत्व मे दिल्ली देहात के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सरकार द्वारा जबरन लैंड पूलिंग पॉलिसी की असंवैधानिक शर्तों को थोपने और किसान विरोधी कानून बनाने के खिलाफ केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्रालय में अपनी आपत्ति व सुझाव दर्ज करवाए।
जय किसान आंदोलन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष राजीव यादव ने बताया, कि इस सरकार ने ना तो अतीत से कुछ सीखा और ना ही सरकार किसानों व ग्रामीणों की माँग मानने को तैयार है। उनका कहना है, कि जबरन लैंड पूलिंग पॉलिसी के नाम पर लाखों किसान परिवारों को उजाड़ा जा रहा है। इसलिए आज दिल्ली देहात के किसानों ने सरकार को आगाह किया है, और लिखित में चेतावनी दी है, कि सरकार अगर किसानों की न्यायसंगत माँग नहीं मानती है, और असंवैधानिक तरीके से किसानों के प्रति अन्याय करनेवाला कानून बनाती है, तो हम ऐसे कानून को नही मानेंगे जो नए पुनर्वास, पुनर्स्थापना और पारदर्शिता भूमि अधिग्रहण कानून 2013 का अतिक्रमण करता हो।
इस मौके पर किसानों की इन जायज माँगों का समर्थन करते हुए स्वराज इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष नवनीत तिवारी ने कहा कि हम दिल्ली देहात के किसानों को न्याय दिलाने के लिए पूरी ताकत के साथ सड़क से लेकर कोर्ट तक लड़ेंगे और पार्टी हर स्तर पर किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस लड़ाई को मुकाम तक पहुँचाकर ही दम लेगी। दिल्ली के अन्य गाँव, जिनकी जमीन पर शहर बस चुके हैं, आज उन गाँवों के ग्रामीणों की हालत दयनीय है और ऐसे सभी गाँव आज स्लम में तब्दील हो चुके हैं, इसलिए हमारी पार्टी का साफ कहना है की स्मार्ट गाँव भी बसाए जाएं, जिन गाँवों की जमीन पर सरकार स्मार्ट सिटी बसाने जा रही है।
Discover more from समता मार्ग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
















